जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जैसलमेर के रामदेवरा में नर्स ग्रेड द्वितीय के पद पर नियुक्त हुए याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है. हालांकि अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह अपना जवाब पेश करने के बाद रोक हटाने के संबंध में प्रार्थना पत्र पेश कर सकती है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश शशिकांत सोनी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए किया.
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को गत 3 मई को पीएचसी, रामदेवरा में नियुक्त किया गया था. वहीं 8 मई को सीएमएचओ और 11 मई को अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक ने नर्स ग्रेड का अनुभव नहीं होने के आधार पर आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को पद से बर्खास्त कर दिया. याचिका में कहा गया कि भर्ती विज्ञापन में नर्स ग्रेड द्वितीय के समान पद का अनुभव जरूरी बताया गया था.
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याचिकाकर्ता के पास राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के पद का अनुभव है. इस पद का कार्य नर्स ग्रेड द्वितीय के समान ही है. इसके अलावा बर्खास्त करने से पहले याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी है.