जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट सहित सभी बागी 19 विधायकों को राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर की ओर से जारी नोटिस पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया है.
अदालत ने सचिन पायलट सहित अन्य बागी विधायकों को कांग्रेस और विधानसभा का सदस्य बनाए रखने के संबंध में सुनवाई से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि संविधान की अनुसूची 10 के पैरा 2 का उल्लंघन सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों पर लागू नहीं होता है, इस संबंध में कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा.
हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया कि पैरा दो के प्रावधान संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है या नहीं इस पर कोर्ट भविष्य में सुनवाई करेगा. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सचिन पायलट ग्रुप के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र पेश किया है. इस पर कोर्ट ने पक्षकारों को पूछा कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति है या नहीं. पक्षकारों की ओर से आपत्ति नहीं जताने पर अदालत ने केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया.
इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े केंद्र सरकार के वकील आर डी रस्तोगी से कोर्ट ने पूछा कि वे मामले में बहस करना चाहते हैं या नहीं? केंद्र सरकार के वकील की ओर से इस संबंध में केंद्र से दिशा निर्देश लेने के लिए कहने पर अदालत ने मामले की सुनवाई 15 मिनट के लिए टाल दी. 15 मिनट के बाद कोर्ट शुरू होने के बाद अदालत ने मामले में यथास्थिति के आदेश देते हुए पक्षकारों को कहा कि जब मामले में पीलिंडिंग कंप्लीट हो जाए तो जल्द सुनवाई का प्रार्थना पत्र पेश कर मामले की सुनवाई शुरू करवा सकते हैं.