जयपुर. राजधानी के जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक को राज्य सरकार की ओर से अचानक हटाने के मामले में डॉ. अशोक गुप्ता को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 सितंबर के आदेश पर रोक लगाते हुए डॉ. अशोक गुप्ता को अधीक्षक पद पर बने रहने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद अब चिकित्सा महकमे की भी किरकिरी हो रही है.
दरअसल, राज्य सरकार ने अचानक निर्णय लेते हुए कोरोना संकटकाल के बीच जयपुर के जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक पद पर डॉ. अशोक गुप्ता की जगह डॉ. अरविंद शुक्ला को नया अधीक्षक बना दिया था. जिसके बाद सरकार का यह आदेश सवालों के घेरे में था और इस निर्णय के बाद महकमे में परस्पर शीत युद्ध की स्थिति पैदा हो गई. इस निर्णय के बाद डॉ. अशोक गुप्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए डॉ. अशोक गुप्ता के पक्ष में फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने 4 सितंबर के आदेश को रोक लगाते हुए कहा कि अधीक्षक पद पर डॉ. अशोक गुप्ता ही बने रहेंगे. ऐसे में बुधवार को अधीक्षक की कुर्सी संभालने वाले डॉ. अरविंद शुक्ला की जगह वापस डॉ. अशोक गुप्ता ही बैठेंगे. साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी किए हैं.
बता दें कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के शीर्ष नेतृत्व और जेके लोन अस्पताल अधीक्षक के बीच काफी लंबे समय से मनमुटाव की खबरें आ रही थी. जिसकी वजह कुछ मामलों में जेके लोन अस्पताल के विकास कार्यों से जुड़ी फाइलों को भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रोक रखा था. जिसके चलते डॉ. अशोक गुप्ता को अधीक्षक पद से हटा दिया, लेकिन गुरुवार को हाईकोर्ट ने डॉ. गुप्ता को बड़ी राहत दी.