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Good News : आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि चिकित्सा पद्धति के आधार पर चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु (Rajasthan High Court Order) तय करने में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को एलोपैथी डॉक्टर के समान 62 साल करने को कहा है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jul 13, 2022, 9:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए (Rajasthan High Court Big Decision) आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्त किए गए आयुर्वेद चिकित्सकों की उम्र यदि 62 साल से कम है तो उन्हें वापस सेवा में लिया जाए और जिनकी उम्र 62 साल को पार कई गई है, उन्हें परिलाभ अदा किए जाए. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने बुधवार को यह आदेश डॉ. महेश शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर दिए.

याचिकाओं में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा, तनवीर अहमद व अन्य ने बताया कि पूर्व में एलोपैथी डॉक्टर की सेवानिवृत्त होने की आयु 60 साल थी. राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एक अधिसूचना जारी कर इनकी सेवानिवृत्ति की आयु (Retirement Age of Ayurveda Doctors) बढ़ाकर 62 साल ही रखी गई, लेकिन आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल ही रखी गई. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश मामले में आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है.

पढ़ें : HC Big Decision : दो दशक से अधिक समय से लंबित याचिकाओं के निस्तारण को लेकर दायर PIL पर कोर्ट का दखल से इनकार

इसके अलावा सिर्फ चिकित्सा पद्धति के आधार पर सेवानिवृत्ति आयु में अंतर नहीं रखा जाना चाहिए. इसलिए आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी 62 साल की जाए. इसका विरोध करते हुए एएजी सीएल सैनी ने कहा कि एलोपैथी डॉक्टर्स व आयुर्वेद चिकित्सकों के सेवा नियम, नियुक्ति की शर्तें और योग्यता अलग-अलग होती है. राज्य सरकार को सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु तय करने का अधिकार है और यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है. ऐसे में अदालत इसमें दखल नहीं कर सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए (Increase Retirement Age of Ayurveda Doctors to 62 Years) खंडपीठ ने आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए (Rajasthan High Court Big Decision) आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्त किए गए आयुर्वेद चिकित्सकों की उम्र यदि 62 साल से कम है तो उन्हें वापस सेवा में लिया जाए और जिनकी उम्र 62 साल को पार कई गई है, उन्हें परिलाभ अदा किए जाए. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने बुधवार को यह आदेश डॉ. महेश शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर दिए.

याचिकाओं में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा, तनवीर अहमद व अन्य ने बताया कि पूर्व में एलोपैथी डॉक्टर की सेवानिवृत्त होने की आयु 60 साल थी. राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एक अधिसूचना जारी कर इनकी सेवानिवृत्ति की आयु (Retirement Age of Ayurveda Doctors) बढ़ाकर 62 साल ही रखी गई, लेकिन आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल ही रखी गई. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश मामले में आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है.

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इसके अलावा सिर्फ चिकित्सा पद्धति के आधार पर सेवानिवृत्ति आयु में अंतर नहीं रखा जाना चाहिए. इसलिए आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी 62 साल की जाए. इसका विरोध करते हुए एएजी सीएल सैनी ने कहा कि एलोपैथी डॉक्टर्स व आयुर्वेद चिकित्सकों के सेवा नियम, नियुक्ति की शर्तें और योग्यता अलग-अलग होती है. राज्य सरकार को सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु तय करने का अधिकार है और यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है. ऐसे में अदालत इसमें दखल नहीं कर सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए (Increase Retirement Age of Ayurveda Doctors to 62 Years) खंडपीठ ने आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने को कहा है.

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