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Rajasthan High Court Order : कर्मचारियों की ग्रेड-पे रिकवरी मामले में कमेटी तीन महीने में करे फैसला...

राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की ग्रेड-पे में बदलाव (rajasthan employees grade pay recovery cases) होने से जुड़े रिकवरी के मामले में याचिकाकर्ता राज्य कर्मचारियों को राहत देते हुए इस संबंध में गठित कमेटी को 28 फरवरी 2022 तक निर्णय लेने को कहा है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Dec 13, 2021, 8:15 PM IST

जयपुर. हाईकोर्ट ने राज्य कर्मचारियों को बड़ी (Big relief to state employees from High Court) राहत दी है. अदालत ने कहा है कि कमेटी का फैसला आने तक याचिकाकर्ताओं से 30 अक्टूबर 2017 के नोटिफिकेशन के तहत कोई रिकवरी नहीं होगी. वहीं, कमेटी के फैसले से असंतुष्ठ होने पर कर्मचारी नए सिरे से याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्र होंगे.

इसके अलावा कमेटी के निर्णय के अधीन यदि रिटायर कर्मचारियों से रिकवरी कर ली है तो उसे भी उन्हें वापस लौटाया जाए. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश विक्रम सिंह व अन्य की याचिकाओं को निपटारा करते हुए दिए.

पढ़ें : Rajasthan high court: आरोपियों को दी जा रही अस्पष्ट चार्जशीट, हाईकोर्ट ने डीजीपी को समाधान करने के दिए निर्देश

पढ़ें : प्रस्तावित विभागीय जांच की आड़ में लंबे समय तक किसी भी कार्मिक को निलंबित नहीं रखा जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

याचिकाओं में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और हिमांशु ठोलिया ने बताया कि राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों की ग्रेड-पे में जुलाई 2013 से संशोधन किया. इसके चलते विभागों ने कर्मचारियों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी और सेवानिवृत्त हो गए कर्मचारियों की पेंशन से रिकवरी की गई. याचिका में कहा गया कि अधिसूचना 30 अक्टूबर 2017 को जारी कर इसे भूतलक्षी प्रभाव से वर्ष 2013 से लागू किया गया है. जबकि अधिसूचना को भूतलक्षी प्रभाव से लागू नहीं कर सकते.

हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने भी इसी समान मामले में दिशा-निर्देश दे चुकी है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में गत पांच अगस्त को कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा कमेटी को मुद्दा तय करने में करीब तीन माह का समय लगेगा, तब तक अधिसूचना के आधार पर कर्मचारियों से वसूली नहीं की जाएगी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में गठित कमेटी को 28 फरवरी तक निर्णय लेने को कहा है.

जयपुर. हाईकोर्ट ने राज्य कर्मचारियों को बड़ी (Big relief to state employees from High Court) राहत दी है. अदालत ने कहा है कि कमेटी का फैसला आने तक याचिकाकर्ताओं से 30 अक्टूबर 2017 के नोटिफिकेशन के तहत कोई रिकवरी नहीं होगी. वहीं, कमेटी के फैसले से असंतुष्ठ होने पर कर्मचारी नए सिरे से याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्र होंगे.

इसके अलावा कमेटी के निर्णय के अधीन यदि रिटायर कर्मचारियों से रिकवरी कर ली है तो उसे भी उन्हें वापस लौटाया जाए. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश विक्रम सिंह व अन्य की याचिकाओं को निपटारा करते हुए दिए.

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याचिकाओं में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और हिमांशु ठोलिया ने बताया कि राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों की ग्रेड-पे में जुलाई 2013 से संशोधन किया. इसके चलते विभागों ने कर्मचारियों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी और सेवानिवृत्त हो गए कर्मचारियों की पेंशन से रिकवरी की गई. याचिका में कहा गया कि अधिसूचना 30 अक्टूबर 2017 को जारी कर इसे भूतलक्षी प्रभाव से वर्ष 2013 से लागू किया गया है. जबकि अधिसूचना को भूतलक्षी प्रभाव से लागू नहीं कर सकते.

हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने भी इसी समान मामले में दिशा-निर्देश दे चुकी है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में गत पांच अगस्त को कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा कमेटी को मुद्दा तय करने में करीब तीन माह का समय लगेगा, तब तक अधिसूचना के आधार पर कर्मचारियों से वसूली नहीं की जाएगी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में गठित कमेटी को 28 फरवरी तक निर्णय लेने को कहा है.

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