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Gurukul University Fraud Case: गुरूकुल यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में आरोपी पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक - Gurukul University Fraud Case

गुरूकुल यूनिवर्सिटी फर्जीवाड़े के मामले में आरोपी रणजीत सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया (Court on Gurukul University fraud case) है. कोर्ट ने आरोपी को अनुसंधान में शामिल होने के लिए 20 जुलाई तक का समय दिया है.

Rajasthan High Court on Gurukul University fraud case
गुरूकुल यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में आरोपी पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक
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Published : Jun 30, 2022, 10:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरूकुल यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए किए फर्जीवाड़े के आरोपी रणजीत सिंह को 20 जुलाई या उससे पहले केस के अनुसंधान में शामिल होने के लिए कहा (Court on Gurukul University fraud case) है. इसके साथ ही अदालत ने उसके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. जस्टिस एनएस ढड्‌ढा ने यह निर्देश रणजीत सिंह की जमानत अर्जी पर दिया.

आरोपी की ओर से कहा गया कि उसे केस में झूठा फंसाया है. उसने कोई अपराध नहीं किया है. जब निजी यूनिवर्सिटी विधेयक ही पास नहीं हुआ है, तो आरोपी को कोई भी लाभ नहीं हुआ है. मामले में प्रार्थी से कस्टोडियल इंवेस्टिगेशन की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मामला दस्तावेजों से जुड़ा है और वे पहले से ही पुलिस के पास हैं. मामले में जिस जमीन का हवाला दिया गया है, वह उसकी खुद की थी और उसने इसके कागजातों में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है.

पढ़ें: गुरुकुल शिक्षण संस्थान को राहत, समिति के अन्य संस्थान संचालन की एनओसी रद्द करने पर रोक

आरोपी की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार के नियमानुसार ही उसे हर साल भवन का कंस्ट्रक्शन करना था. इसलिए उसके खिलाफ राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. अदालत ने आरोपी पक्ष की बहस सुनकर उसे अनुसंधान में शामिल हाेने का निर्देश देते हुए दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी. याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने सीकर में गुरूकुल शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए संस्था के पास 80.31 एकड़ जमीन होने व उस पर 10 हजार वर्गमीटर का भवन निर्मित होना बताया था, जबकि इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरूकुल यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए किए फर्जीवाड़े के आरोपी रणजीत सिंह को 20 जुलाई या उससे पहले केस के अनुसंधान में शामिल होने के लिए कहा (Court on Gurukul University fraud case) है. इसके साथ ही अदालत ने उसके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. जस्टिस एनएस ढड्‌ढा ने यह निर्देश रणजीत सिंह की जमानत अर्जी पर दिया.

आरोपी की ओर से कहा गया कि उसे केस में झूठा फंसाया है. उसने कोई अपराध नहीं किया है. जब निजी यूनिवर्सिटी विधेयक ही पास नहीं हुआ है, तो आरोपी को कोई भी लाभ नहीं हुआ है. मामले में प्रार्थी से कस्टोडियल इंवेस्टिगेशन की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मामला दस्तावेजों से जुड़ा है और वे पहले से ही पुलिस के पास हैं. मामले में जिस जमीन का हवाला दिया गया है, वह उसकी खुद की थी और उसने इसके कागजातों में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है.

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आरोपी की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार के नियमानुसार ही उसे हर साल भवन का कंस्ट्रक्शन करना था. इसलिए उसके खिलाफ राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. अदालत ने आरोपी पक्ष की बहस सुनकर उसे अनुसंधान में शामिल हाेने का निर्देश देते हुए दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी. याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने सीकर में गुरूकुल शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए संस्था के पास 80.31 एकड़ जमीन होने व उस पर 10 हजार वर्गमीटर का भवन निर्मित होना बताया था, जबकि इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं था.

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