जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति के तौर पर कम योग्यता वाले प्रोफेसर को नियुक्त करने पर कुलपति राजीव जैन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने ये आदेश प्रोफेसर रामबक्श सिंह और अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि प्रोफेसर राजीव जैन को पिछले 9 सितंबर को राजस्थान विवि का कुलपति नियुक्त किया गया था. राजस्थान विश्वविद्यालय के नियमों के तहत विवि में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास प्रोफेसर के तौर पर 10 साल का अनुभव होना जरूरी है. इसके अलावा उम्मीदवार के पास अच्छा शैक्षणिक रिकॉर्ड होना चाहिए. जबकि वीसी नियुक्त किए गए राजीव जैन के पास 10 साल का अनुभव नहीं है. वहीं उन्होंने 55 फीसदी से कम अंकों से स्नातक किया है.
याचिका में यह भी कहा गया है कि राजीव जैन का एक भी रिसर्च पेपर स्तरीय नेशनल और इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है. वहीं उन्होंने अपनी 22 पुस्तकें प्रकाशित होने का दावा किया है, जबकि इनमें से अधिकांश पुस्तकें पासबुक जैसी हैं.
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याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि नियमानुसार वीसी चयन के लिए बनी सर्च कमेटी में कोई भी सदस्य विवि से सम्बद्ध नहीं होना चाहिए. जबकि इस कमेटी के सदस्य विवि से जुड़े हुए हैं. इसलिए राजीव जैन की कुलपति के पद पर नियुक्ति को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कुलपति राजीव जैन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.