जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिले की हिंडौन नगर परिषद में कार्यरत सहायक कर्मचारी को बिना कारण एपीओ करने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव और निदेशक सहित नगर परिषद हिंडौन के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
अदालत ने याचिकाकर्ता के एपीओ आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश अरुण भंसाली की एकलपीठ ने यह आदेश ओम प्रकाश की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि स्वायत्त शासन निदेशक ने बिना कारण बताए 14 सितंबर को याचिकाकर्ता को एपीओ कर जयपुर मुख्यालय से अटैच कर दिया. याचिका में कहा गया कि सेवा नियमों में दिए गए कारणों पर ही किसी कर्मचारी को एपीओ किया जा सकता है.
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एपीओ के आदेश पर लगाई रोक
याचिका में कहा गया है कि पेंशन नियमों में प्रावधान है कि सेवानिवृत्ति नजदीक होने पर कर्मचारी को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. सेवा के अंतिम दिनों में कोष कार्यालय बदलने से पेंशन में विलंब भी होता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एपीओ आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. एपीओ करने का कारण बताना जरूरी है.