जयपुर. परिवाद में कहा गया कि परिवादी के पति राधेश्याम के पेट में तकलीफ होने पर उसे 13 फरवरी 2013 को एसएमएस में इलाज के लिए ले जाया गया था. चिकित्सक ने 16 फरवरी को मरीज के पेट से एसिड फ्लूड निकाल कर जांच के लिए ओके डायग्नोस्टिक सेंटर में कैंसर जांच के लिए भेजवाया था.
जहां मरीज की रिपोर्ट नॉर्मल लाई. वहीं फायदा नहीं होने पर मरीज को कई दूसरे अस्पतालों में भी दिखाया. वहीं दूसरे चिकित्सक की सलाह पर मरीज का एक बार फिर 14 मार्च को टीशु और एसिड फ्लूड की इसी सेंटर पर जांच कराई. इसमें भी जांच रिपोर्ट सामान्य ही आई.
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रिपोर्ट पर शंका जताते हुए चिकित्सक की ओर से 21 मार्च 2013 को संतोकबा दुर्लभजी में दोबारा जांच कराई. जांच में पता चला कि मरीज को कैंसर हो गया है. वहीं बाद में मरीज की मौत हो गई. परिवाद में कहा गया कि यदि पूर्व में सही जांच रिपोर्ट मिलती तो मरीज की बीमारी का इलाज हो सकता था. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई की जाए.