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गलत जांच करने पर रिसर्च सेंटर पर 11 लाख का हर्जाना : हाईकोर्ट

राज्य उपभोक्ता आयोग ने कैंसर रोगी की गलत जांच रिपोर्ट देने वाले ओके डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर पर 11 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने सेंटर को 20 हजार रुपए परिवाद व्यय के तौर पर भी अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश कमला देवी और अन्य की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

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Published : Nov 4, 2019, 9:34 PM IST

जयपुर. परिवाद में कहा गया कि परिवादी के पति राधेश्याम के पेट में तकलीफ होने पर उसे 13 फरवरी 2013 को एसएमएस में इलाज के लिए ले जाया गया था. चिकित्सक ने 16 फरवरी को मरीज के पेट से एसिड फ्लूड निकाल कर जांच के लिए ओके डायग्नोस्टिक सेंटर में कैंसर जांच के लिए भेजवाया था.

जहां मरीज की रिपोर्ट नॉर्मल लाई. वहीं फायदा नहीं होने पर मरीज को कई दूसरे अस्पतालों में भी दिखाया. वहीं दूसरे चिकित्सक की सलाह पर मरीज का एक बार फिर 14 मार्च को टीशु और एसिड फ्लूड की इसी सेंटर पर जांच कराई. इसमें भी जांच रिपोर्ट सामान्य ही आई.

यह भी पढ़ेंः प्रियंका के फोन टैपिंग पर बोले गहलोत- बनना चाहिए कमीशन, जिससे पता चले किन-किन नेताओं के फोन टैप हुए

रिपोर्ट पर शंका जताते हुए चिकित्सक की ओर से 21 मार्च 2013 को संतोकबा दुर्लभजी में दोबारा जांच कराई. जांच में पता चला कि मरीज को कैंसर हो गया है. वहीं बाद में मरीज की मौत हो गई. परिवाद में कहा गया कि यदि पूर्व में सही जांच रिपोर्ट मिलती तो मरीज की बीमारी का इलाज हो सकता था. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई की जाए.

जयपुर. परिवाद में कहा गया कि परिवादी के पति राधेश्याम के पेट में तकलीफ होने पर उसे 13 फरवरी 2013 को एसएमएस में इलाज के लिए ले जाया गया था. चिकित्सक ने 16 फरवरी को मरीज के पेट से एसिड फ्लूड निकाल कर जांच के लिए ओके डायग्नोस्टिक सेंटर में कैंसर जांच के लिए भेजवाया था.

जहां मरीज की रिपोर्ट नॉर्मल लाई. वहीं फायदा नहीं होने पर मरीज को कई दूसरे अस्पतालों में भी दिखाया. वहीं दूसरे चिकित्सक की सलाह पर मरीज का एक बार फिर 14 मार्च को टीशु और एसिड फ्लूड की इसी सेंटर पर जांच कराई. इसमें भी जांच रिपोर्ट सामान्य ही आई.

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रिपोर्ट पर शंका जताते हुए चिकित्सक की ओर से 21 मार्च 2013 को संतोकबा दुर्लभजी में दोबारा जांच कराई. जांच में पता चला कि मरीज को कैंसर हो गया है. वहीं बाद में मरीज की मौत हो गई. परिवाद में कहा गया कि यदि पूर्व में सही जांच रिपोर्ट मिलती तो मरीज की बीमारी का इलाज हो सकता था. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई की जाए.

Intro:जयपुर, 4 नवंबर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने कैंसर रोगी की गलत जंाच रिपोर्ट देने वाले ओके डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर पर ग्यारह लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने सेंटर को बीस हजार रुपए परिवाद व्यय के तौर पर भी अदा करने को कहा है। आयोग ने यह आदेश कमला देवी व अन्य की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:परिवाद में कहा गया कि परिवादी के पति राधेश्याम के पेट में तकलीफ होने पर उसे 13 फरवरी 2013 को एसएमएस में दिखाया। चिकित्सक ने 16 फरवरी को मरीज के पेट से एसिड फ्लूड निकाल कर जांच के लिए ओके डायग्नोस्टिक सेंटर में कैंसर जांच के लिए भिजवाया। जहां मरीज की रिपोर्ट नॉर्मल लाई। वहीं फायदा नहीं होने पर मरीज को कई दूसरे अस्पतालों में भी दिखाया। वहीं दूसरे चिकित्सक की सलाह पर मरीज का एक बार फिर 14 मार्च को टिशु और एसिड फ्लूड की इसी सेंटर पर जांच कराई। इसमें भी जांच रिपोर्ट सामान्य ही आई। रिपोर्ट पर शंका जताते हुए चिकित्सक की ओर से 21 मार्च 2013 को संतोकबा दुर्लभजी में पुन: जांच कराई। जांच में पता चला कि मरीज को कैंसर हो गया है। वहीं बाद में मरीज की मौत हो गई। परिवाद में कहा गया कि यदि पूर्व में सही जांच रिपोर्ट मिलती तो मरीज की बीमारी का इलाज हो सकता था। ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई की जाए। Conclusion:
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