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RUHS रजिस्ट्रार जवाब दें वरना हाजिर होकर पेश करें रिकॉर्डः हाईकोर्ट - शिक्षक की नियुक्ति

राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज में शिक्षक की नियुक्ति मामले में विवि को 27 नवंबर तक जवाब देने का मौका दिया है.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
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Published : Oct 7, 2019, 9:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज में अब तक नियमानुसार अनुभवी शिक्षक नियुक्त नहीं करने के मामले में विवि को जवाब पेश करने के लिए आखिरी मौका दिया है. अदालत ने कहा है कि 27 नवंबर तक जवाब पेश नहीं होने की स्थिति में विवि के रजिस्ट्रार हाजिर होकर रिकॉर्ड पेश करें. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोशल सर्विस की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि आरयूएचएस के अधीन वर्ष 2018 से नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहा है. नियमानुसार छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की सीधी भर्ती के जरिए नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन कॉलेज में आज तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई है. सरकार ने नर्सिंगकर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है.

पढ़ें. चूरू: रेलवे पुलिस की सक्रियता ने बचाई महिला यात्री की नगदी और ज्वेलरी

वहीं आईएनसी के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के प्रिसिंपल को 15 साल का छात्रों को पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए. जबकि वर्तमान प्रिंसिपल ने 2010 में पीजी किया है. इसके अलावा नियमों के अनुसार 100 नर्सिंग छात्रों पर कम से कम 16 शिक्षक होने चाहिए, लेकिन कॉलेज में मात्र चार शिक्षक हैं और वो भी डेपुटेशन पर हैं. याचिका में कहा गया कि कॉलेज के निरीक्षण के समय अन्य अस्पतालों से नर्सिंगकर्मी डेपुटेशन पर बतौर शिक्षक लगा दिए जाते हैं और बाद में हटा दिए जाते हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज में अब तक नियमानुसार अनुभवी शिक्षक नियुक्त नहीं करने के मामले में विवि को जवाब पेश करने के लिए आखिरी मौका दिया है. अदालत ने कहा है कि 27 नवंबर तक जवाब पेश नहीं होने की स्थिति में विवि के रजिस्ट्रार हाजिर होकर रिकॉर्ड पेश करें. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोशल सर्विस की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि आरयूएचएस के अधीन वर्ष 2018 से नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहा है. नियमानुसार छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की सीधी भर्ती के जरिए नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन कॉलेज में आज तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई है. सरकार ने नर्सिंगकर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है.

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वहीं आईएनसी के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के प्रिसिंपल को 15 साल का छात्रों को पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए. जबकि वर्तमान प्रिंसिपल ने 2010 में पीजी किया है. इसके अलावा नियमों के अनुसार 100 नर्सिंग छात्रों पर कम से कम 16 शिक्षक होने चाहिए, लेकिन कॉलेज में मात्र चार शिक्षक हैं और वो भी डेपुटेशन पर हैं. याचिका में कहा गया कि कॉलेज के निरीक्षण के समय अन्य अस्पतालों से नर्सिंगकर्मी डेपुटेशन पर बतौर शिक्षक लगा दिए जाते हैं और बाद में हटा दिए जाते हैं.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज में अब तक नियमानुसार और अनुभवी शिक्षक नियुक्त नहीं करने के मामले में विवि को जवाब पेश करने के लिए आखिरी मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि 27 नवंबर तक जवाब पेश नहीं होने की स्थिति में विवि के रजिस्ट्रार हाजिर होकर रिकॉर्ड पेश करें। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोश्यल सर्विस की जनहित याचिका पर दिए।
Body:याचिका में कहा गया कि आरयूएचएस के अधीन वर्ष 2018 से नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहा है। नियमानुसार छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की सीधी भर्ती के जरिए नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन कॉलेज में आज तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई है। सरकार ने नर्सिंगकर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है। वहीं आईएनसी के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के प्रिसिंपल को 15 साल का छात्रों को पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए। जबकि वर्तमान प्रिंसिपल ने 2010 में पीजी किया है। इसके अलावा नियमों के अनुसार 100 नर्सिंग छात्रों पर कम से कम 16 शिक्षक होने चाहिए, लेकिन कॉलेज में मात्र चार शिक्षक हैं और वो भी डेपुटेशन पर हैं। याचिका में कहा गया कि कॉलेज के निरीक्षण के समय अन्य अस्पतालों से नर्सिंगकर्मी डेपुटेशन पर बतौर शिक्षक लगा दिए जाते हैं और बाद में हटा दिए जाते हैं।Conclusion:
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