ETV Bharat / city

Rajasthan High Court: करतारपुरा नाले को लेकर टिप्पणी, कहा- सरकार और जेडीए को कागजों में नहीं वास्तव में काम करना चाहिए, अधिकारी तलब

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर के करतारपुरा नाले में अतिक्रमण के मामले की सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को पेश होने के आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Jul 13, 2021, 6:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करतारपुरा नाले में अतिक्रमण और नाले के बहाव क्षेत्र में अवरोध के मामले में प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करने वाले जेडीए के जिम्मेदार अधिकारी को 20 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर दिए. सुनवाई के दौरान जेडीए आयुक्त की ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की गई. जिसमें मौके से अतिक्रमण हटाने और वाहनों को जब्त करने की जानकारी दी गई.

पढ़ेंः ग्रेटर नगर निगम आयुक्त के साथ मारपीट और अभद्रता का मामला, पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर को मिली जमानत

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार और जेडीए को कागजों में ही नहीं वास्तव में काम करना चाहिए. नाले में पानी के फ्री फ्लो बहाव को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. जेडीए आयुक्त की ओर से बताया गया कि गत वर्ष 30 जनवरी को नाले में बने अवैध कमरे और चारदीवारी को हटाया गया है. इसके अलावा गत वर्ष 9 फरवरी से लेकर इस साल 23 मार्च तक नाले को पाटने में लगे पांच पिकअप, एक जेसीबी और दो ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं.

पढ़ेंः जयपुरः राजाराम और ओमकार सप्रे के वॉयस सैंपल को लेकर 16 जुलाई को फैसला

गत 9 जुलाई से स्पेशल ड्राइव चलाकर नाले से पन्द्रह ढांचों को हटाया गया है. इसके साथ ही नाले का सीमांकन करने के साथ ही इसे पक्का करते हुए समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि जेडीए काम के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रही है. मौके पर अभी भी अतिक्रमण मौजूद हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जेडीए के संबंधित अधिकारी को पेश होने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करतारपुरा नाले में अतिक्रमण और नाले के बहाव क्षेत्र में अवरोध के मामले में प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करने वाले जेडीए के जिम्मेदार अधिकारी को 20 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर दिए. सुनवाई के दौरान जेडीए आयुक्त की ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की गई. जिसमें मौके से अतिक्रमण हटाने और वाहनों को जब्त करने की जानकारी दी गई.

पढ़ेंः ग्रेटर नगर निगम आयुक्त के साथ मारपीट और अभद्रता का मामला, पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर को मिली जमानत

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार और जेडीए को कागजों में ही नहीं वास्तव में काम करना चाहिए. नाले में पानी के फ्री फ्लो बहाव को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. जेडीए आयुक्त की ओर से बताया गया कि गत वर्ष 30 जनवरी को नाले में बने अवैध कमरे और चारदीवारी को हटाया गया है. इसके अलावा गत वर्ष 9 फरवरी से लेकर इस साल 23 मार्च तक नाले को पाटने में लगे पांच पिकअप, एक जेसीबी और दो ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं.

पढ़ेंः जयपुरः राजाराम और ओमकार सप्रे के वॉयस सैंपल को लेकर 16 जुलाई को फैसला

गत 9 जुलाई से स्पेशल ड्राइव चलाकर नाले से पन्द्रह ढांचों को हटाया गया है. इसके साथ ही नाले का सीमांकन करने के साथ ही इसे पक्का करते हुए समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि जेडीए काम के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रही है. मौके पर अभी भी अतिक्रमण मौजूद हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जेडीए के संबंधित अधिकारी को पेश होने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.