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राजस्थान हाईकोर्ट ने SI भर्ती 2016 दक्षता परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाएं की खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2016 की दक्षता परीक्षा को विवादित बताकर चुनौती देने वाली अपील याचिकाओं पर अहम फैसला दिया है. काेर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एकलपीठ ने याचिकाएं खारिज कर अपने आदेश में कोई गलती नहीं की है.

राजस्थान हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहतः
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Published : Sep 20, 2021, 9:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2016 की दक्षता परीक्षा को विवादित बताकर चुनौती देने वाली अपील याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि एकलपीठ ने याचिकाएं खारिज कर अपने आदेश में कोई गलती नहीं की है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र राठौड़ व 22 अन्य की याचिकाओं पर दिए. अदालत ने गत 25 अगस्त को याचिकाओं पर बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रखा था. याचिकाओं में कहा गया था कि पुलिस विभाग ने दक्षता परीक्षा में चालीस अंक की सौ मीटर दौड़ रखी थी.

दौड़ को 14 सेकंड में पूरा करने पर चालीस अंक, 15 सेकंड में पूरा करने पर 25 अंक और 16 सेकंड में पूरा करने पर 15 अंक देने का प्रावधान किया गया.विभाग ने दौड़ में लगने वाले समय को नापने के लिए स्टॉप वॉच का उपयोग किया था.

पढे़ं-मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा बोले-कुछ राजनीतिक निजी स्वार्थ के कारण चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करते हैं

याचिका में कहा गया कि स्टॉप वॉच को मैन्युअल उपयोग किया जाता है. इसमें माइक्रो सेकंड की सटीक गणना नहीं होती है. स्टॉप वॉच के स्थान पर माइक्रो चिप से गणना सटीक होती है.अभ्यर्थी के शरीर में यह चिप लगाने से समय की गणना अपने आप हो जाती है.वर्ष 2012 के बाद पुलिस की दूसरी भर्तियों में चिप से ही समय की गणना की जाती है.

इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार और आरपीएससी ने कहा कि स्टॉप वॉच का उपयोग सिर्फ अपीलार्थियों के लिए ही नहीं अन्य सभी अभ्यर्थियों के लिए भी किया गया था.इसके अलावा दक्षता परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपीलों को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2016 की दक्षता परीक्षा को विवादित बताकर चुनौती देने वाली अपील याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि एकलपीठ ने याचिकाएं खारिज कर अपने आदेश में कोई गलती नहीं की है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र राठौड़ व 22 अन्य की याचिकाओं पर दिए. अदालत ने गत 25 अगस्त को याचिकाओं पर बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रखा था. याचिकाओं में कहा गया था कि पुलिस विभाग ने दक्षता परीक्षा में चालीस अंक की सौ मीटर दौड़ रखी थी.

दौड़ को 14 सेकंड में पूरा करने पर चालीस अंक, 15 सेकंड में पूरा करने पर 25 अंक और 16 सेकंड में पूरा करने पर 15 अंक देने का प्रावधान किया गया.विभाग ने दौड़ में लगने वाले समय को नापने के लिए स्टॉप वॉच का उपयोग किया था.

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याचिका में कहा गया कि स्टॉप वॉच को मैन्युअल उपयोग किया जाता है. इसमें माइक्रो सेकंड की सटीक गणना नहीं होती है. स्टॉप वॉच के स्थान पर माइक्रो चिप से गणना सटीक होती है.अभ्यर्थी के शरीर में यह चिप लगाने से समय की गणना अपने आप हो जाती है.वर्ष 2012 के बाद पुलिस की दूसरी भर्तियों में चिप से ही समय की गणना की जाती है.

इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार और आरपीएससी ने कहा कि स्टॉप वॉच का उपयोग सिर्फ अपीलार्थियों के लिए ही नहीं अन्य सभी अभ्यर्थियों के लिए भी किया गया था.इसके अलावा दक्षता परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपीलों को खारिज कर दिया है.

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