जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की ओर से ली जाने वाली 3 माह की फीस को पूर्णतया माफ करने की गुहार करते हुए दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश राजीव भूषण बंसल की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन के चलते उद्योग धंधे ठप हो गए हैं. इसके अलावा लोगों को पूरा वेतन भी नहीं मिल रहा है. जिससे चलते लोग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. ऐसे में लॉकडाउन की अवधि के दौरान निजी स्कूलों की फीस देना आमजन के लिए संभव नहीं होगा. इसलिए निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाए कि वह 3 माह की स्कूल फीस माफ करें और आगामी सत्र में भी इसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी ना करें.
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वहीं, राज्य सरकार और सोसायटी फॉर एडेड प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की ओर से अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 9 अप्रैल को इस संबंध में नीतिगत निर्णय लिया है. जिसके तहत 15 मार्च को बकाया फीस को 3 माह के लिए स्थगित किया गया है. वहीं, इस अवधि में फीस नहीं देने पर किसी भी विद्यार्थी का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत में जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.