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HC Big Decision : दो दशक से अधिक समय से लंबित याचिकाओं के निस्तारण को लेकर दायर PIL पर कोर्ट का दखल से इनकार

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Published : Jul 7, 2022, 11:02 PM IST

दो दशक से अधिक समय से लंबित याचिकाओं क समय पर निस्तारण नहीं होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस पर सुनवाई से इनकार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि मामले में अभी कोई आदेश नहीं दिया जा सकता (Court denied hearing PIL on pending PILs) है.

Rajasthan High Court denied hearing PIL on pending PILs
दो दशक से अधिक समय से लंबित याचिकाओं के निस्तारण को लेकर दायर पीआईएल पर कोर्ट का दखल से इनकार

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट में दो दशक से अधिक समय से लंबित याचिकाओं के समय पर निस्तारण नहीं होने के खिलाफ दायर याचिका पर दखल से इनकार कर दिया (Court denied hearing PIL on pending PILs) है. अदालत ने कहा कि मामले में अभी दखल नहीं दिया जा सकता है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रदीप अस्ताना की जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि समय पर न्याय नहीं मिलना, न्याय की अवधारणा को समाप्त कर देता है. इसके बावजूद हाइकोर्ट में कई रिट याचिकाएं पिछले दो दशक से लंबित चल रही हैं. वहीं, सिविल अपीलें तो इससे भी अधिक समय से लंबित हैं. इसके बावजूद इनका अब तक निस्तारण नहीं हुआ है. याचिका में कहा गया सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश पूरे साल हाईकोर्ट खोलने के संबंध में अपनी राय दे चुके हैं. याचिका में गुहार की गई है कि हाईकोर्ट में लंबित याचिका का छह माह में निस्तारण किया जाना चाहिए, ताकि इससे पक्षकारों को समय पर राहत मिल सके. जिस पर सुनवाई से इनकार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि मामले में अभी कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट में दो दशक से अधिक समय से लंबित याचिकाओं के समय पर निस्तारण नहीं होने के खिलाफ दायर याचिका पर दखल से इनकार कर दिया (Court denied hearing PIL on pending PILs) है. अदालत ने कहा कि मामले में अभी दखल नहीं दिया जा सकता है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रदीप अस्ताना की जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि समय पर न्याय नहीं मिलना, न्याय की अवधारणा को समाप्त कर देता है. इसके बावजूद हाइकोर्ट में कई रिट याचिकाएं पिछले दो दशक से लंबित चल रही हैं. वहीं, सिविल अपीलें तो इससे भी अधिक समय से लंबित हैं. इसके बावजूद इनका अब तक निस्तारण नहीं हुआ है. याचिका में कहा गया सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश पूरे साल हाईकोर्ट खोलने के संबंध में अपनी राय दे चुके हैं. याचिका में गुहार की गई है कि हाईकोर्ट में लंबित याचिका का छह माह में निस्तारण किया जाना चाहिए, ताकि इससे पक्षकारों को समय पर राहत मिल सके. जिस पर सुनवाई से इनकार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि मामले में अभी कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है.

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