ETV Bharat / city

राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम मामले में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की ओर से दिए आदेश रद्द किए

author img

By

Published : Oct 15, 2020, 7:29 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम में यूडीसी पद पर वरिष्ठता के मामले में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की ओर से गत 23 जून को दिए आदेश को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण को सुनवाई के लिए पुन: अधिकरण में भेज दिया है.

राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश, Rajasthan High Court order
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम में यूडीसी पद पर वरिष्ठता के मामले में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की ओर से गत 23 जून को दिए आदेश को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण को सुनवाई के लिए पुन: अधिकरण में भेज दिया है.

खंडपीठ ने कहा कि अधिकरण सभी पक्षकारों को सुनवाई का मौका देकर प्रकरण को तय करे. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश अंकित खंडेलवाल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

पढ़ेंः अलवर क्रिकेट एसोसिएशन से ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी की विदाई, जितेंद्र गुप्ता बने नए अध्यक्ष

याचिका में कहा गया कि बीमा निगम में यूडीसी पद पर प्रदेश में सीधी भर्ती से नियुक्त और दूसरे संभागों से तबादला होकर आए कर्मचारियों में पदोन्नति को लेकर विवाद था. बीमा निगम ने 26 सितंबर 2019 को वरिष्ठा सूची जारी कर प्रदेश में सीधी भर्ती से नियुक्त कर्मचारियों को उच्च स्थान पर रखा था. वहीं, तबादला होकर आए कुछ कर्मचारियों की ओर से अधिकरण में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने निगम की वरिष्ठता सूची को निरस्त कर दिया था.

पढ़ेंः अलवर शहर में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि अधिकरण ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुने बिना एक पक्षीय आदेश दिया है. ऐसे में अधिकरण के आदेश को निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अधिकरण के आदेश को निरस्त करते हुए प्रकरण को पुन: सुनवाई के लिए अधिकरण में भेज दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम में यूडीसी पद पर वरिष्ठता के मामले में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की ओर से गत 23 जून को दिए आदेश को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण को सुनवाई के लिए पुन: अधिकरण में भेज दिया है.

खंडपीठ ने कहा कि अधिकरण सभी पक्षकारों को सुनवाई का मौका देकर प्रकरण को तय करे. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश अंकित खंडेलवाल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

पढ़ेंः अलवर क्रिकेट एसोसिएशन से ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी की विदाई, जितेंद्र गुप्ता बने नए अध्यक्ष

याचिका में कहा गया कि बीमा निगम में यूडीसी पद पर प्रदेश में सीधी भर्ती से नियुक्त और दूसरे संभागों से तबादला होकर आए कर्मचारियों में पदोन्नति को लेकर विवाद था. बीमा निगम ने 26 सितंबर 2019 को वरिष्ठा सूची जारी कर प्रदेश में सीधी भर्ती से नियुक्त कर्मचारियों को उच्च स्थान पर रखा था. वहीं, तबादला होकर आए कुछ कर्मचारियों की ओर से अधिकरण में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने निगम की वरिष्ठता सूची को निरस्त कर दिया था.

पढ़ेंः अलवर शहर में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि अधिकरण ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुने बिना एक पक्षीय आदेश दिया है. ऐसे में अधिकरण के आदेश को निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अधिकरण के आदेश को निरस्त करते हुए प्रकरण को पुन: सुनवाई के लिए अधिकरण में भेज दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.