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राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ का आदेश किया रद्द, एलएलएम में मिला प्रवेश होगा निरस्त

राजस्थान विश्वविद्यालय को एलएलएम पाठ्यक्रम के सत्र 2020-21 की दस सीटों पर विद्यार्थियों को अंतरिम रूप से प्रवेश देने के एकलपीठ के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. ऐसे में एलएलएम में दिए गए प्रवेश को भी रद्द कर दिया गया है.

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एकलपीठ का आदेश रद्द
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Published : Aug 31, 2021, 6:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के बीते 9 जुलाई के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय को एलएलएम पाठ्यक्रम के सत्र 2020-21 की दस सीटों पर विद्यार्थियों को अंतरिम रूप से प्रवेश देने को कहा गया था. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान विश्वविद्यालय की अपील पर दिए हैं.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मेरिट की अनदेखी कर विद्यार्थियों को सिर्फ याचिका दायर करने के आधार पर ही प्रवेश नहीं दिया जा सकता है. जिन्होंने पहले सेमेस्टर की पढ़ाई नहीं की है, उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भी नहीं दी जा सकती है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : चयनित वेतनमान का लाभ नहीं देने पर मांगा जवाब

विवि की ओर से अधिवक्ता वाईसी शर्मा ने अपील में कहा कि कोरोना के चलते एलएलएम के सत्र 2020-21 में बिना प्रवेश परीक्षा लिए एलएलबी के अंकों के आधार पर प्रवेश दिया गया था. इसे लेकर कुछ विद्यार्थियों ने एकलपीठ में चुनौती दी थी. एकलपीठ ने इन विद्यार्थियों को अंतरिम रूप से प्रवेश देने के निर्देश दिए थे. जबकि ये विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में काफी नीचे थे.

वहीं एकलपीठ को मेरिट के आधार पर अपना निर्णय देना था. प्रवेश प्रक्रिया को लेकर दायर याचिका एकलपीठ में अभी भी लंबित है. इसके साथ ही संबंधित विद्यार्थियों ने पहले सेमेस्टर की पढ़ाई भी नहीं की है, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के बीते 9 जुलाई के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय को एलएलएम पाठ्यक्रम के सत्र 2020-21 की दस सीटों पर विद्यार्थियों को अंतरिम रूप से प्रवेश देने को कहा गया था. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान विश्वविद्यालय की अपील पर दिए हैं.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मेरिट की अनदेखी कर विद्यार्थियों को सिर्फ याचिका दायर करने के आधार पर ही प्रवेश नहीं दिया जा सकता है. जिन्होंने पहले सेमेस्टर की पढ़ाई नहीं की है, उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भी नहीं दी जा सकती है.

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विवि की ओर से अधिवक्ता वाईसी शर्मा ने अपील में कहा कि कोरोना के चलते एलएलएम के सत्र 2020-21 में बिना प्रवेश परीक्षा लिए एलएलबी के अंकों के आधार पर प्रवेश दिया गया था. इसे लेकर कुछ विद्यार्थियों ने एकलपीठ में चुनौती दी थी. एकलपीठ ने इन विद्यार्थियों को अंतरिम रूप से प्रवेश देने के निर्देश दिए थे. जबकि ये विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में काफी नीचे थे.

वहीं एकलपीठ को मेरिट के आधार पर अपना निर्णय देना था. प्रवेश प्रक्रिया को लेकर दायर याचिका एकलपीठ में अभी भी लंबित है. इसके साथ ही संबंधित विद्यार्थियों ने पहले सेमेस्टर की पढ़ाई भी नहीं की है, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है.

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