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Bharatpur Dholpur Jat Reservation: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार का आदेश किया निरस्त....याचिकाकर्ताओं को आरक्षण का लाभ देने के निर्देश

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Published : Dec 15, 2021, 8:36 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने सुनवाई करते हुए सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें धौलपुर और भरतपुर के जाटों को उन भर्तियों में आरक्षण देने से मना कर दिया था, जिसमें एक अभ्यर्थी की नियुक्ति हो चुकी है.

Bharatpur Dholpur Jat Reservation
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने पिछली सरकार के 17 मई 2018 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत सरकार ने धौलपुर और भरतपुर (Bharatpur Dholpur Jat Reservation) के जाटों को उन भर्तियों में आरक्षण देने से इनकार कर दिया था. जिनमें एक भी अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जा चुकी है.

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने कहा ने कहा कि जिन भर्तियों में संशोधित परिणाम जारी हुआ है और सभी पदों पर भर्ती पूर्ण नहीं हुई है, उनमें याचिकाकर्ताओं को आरक्षण का लाभ दें. जस्टिस रेखा बोराणा ने यह आदेश अश्विनी सिंह व अन्य की याचिका पर दिए.

पढ़ें- Rajasthan high court: आरोपियों को दी जा रही अस्पष्ट चार्जशीट, हाईकोर्ट ने डीजीपी को समाधान करने के दिए निर्देश

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता भर्ती-2015 सहित अन्य भर्तियों से जुडे हुए हैं. राज्य सरकार ने 17 मई 2018 को आदेश जारी कर प्रावधान किया था कि जिन भर्तियों में नियुक्ति दी जा रही है, उनमें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 23 जुलाई 2017 को भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया था. वहीं राज्य सरकार ने नियुक्ति दी जा चुकी भर्तियों में इसका लाभ देने से इनकार कर दिया था. याचिका में कहा गया कि कई भर्तियों का परिणाम राज्य सरकार की अधिसूचना के बाद आया है और कई भर्तियों में कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के बाद में संशोधित परिणाम जारी हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ दे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने पिछली सरकार के 17 मई 2018 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत सरकार ने धौलपुर और भरतपुर (Bharatpur Dholpur Jat Reservation) के जाटों को उन भर्तियों में आरक्षण देने से इनकार कर दिया था. जिनमें एक भी अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जा चुकी है.

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने कहा ने कहा कि जिन भर्तियों में संशोधित परिणाम जारी हुआ है और सभी पदों पर भर्ती पूर्ण नहीं हुई है, उनमें याचिकाकर्ताओं को आरक्षण का लाभ दें. जस्टिस रेखा बोराणा ने यह आदेश अश्विनी सिंह व अन्य की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता भर्ती-2015 सहित अन्य भर्तियों से जुडे हुए हैं. राज्य सरकार ने 17 मई 2018 को आदेश जारी कर प्रावधान किया था कि जिन भर्तियों में नियुक्ति दी जा रही है, उनमें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 23 जुलाई 2017 को भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया था. वहीं राज्य सरकार ने नियुक्ति दी जा चुकी भर्तियों में इसका लाभ देने से इनकार कर दिया था. याचिका में कहा गया कि कई भर्तियों का परिणाम राज्य सरकार की अधिसूचना के बाद आया है और कई भर्तियों में कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के बाद में संशोधित परिणाम जारी हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ दे.

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