जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग के संविदाकर्मी कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को प्रतिनियुक्ति के जरिए दूसरी जगह लगाने के विभागीय आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए संविदाकर्मियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश बहादुर सिंह और अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति नीमकाथाना की पीएससी में की थी. इस दौरान ही सीएमएचओ ने 10 फरवरी को आदेश जारी कर सभी कर्मचारियों को उनके मूल पदस्थापन जगह पर ही बनाए रखने के लिए कहा. इसके बावजूद भी विभाग ने 25 फरवरी को आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को प्रतिनियुक्ति पर मौजूदा जगह से 60 किलोमीटर दूर बीसीएमओ कार्यालय में लगा दिया.
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याचिका में कहा गया कि विभाग ने अपने ही आदेश का पालन नहीं कर रहा. इसके अलावा संविदाकर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जा सकता, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के प्रतिनियुक्ति आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है.