जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने खेल कोटे की पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2019 में अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने मामले में गृह सचिव और डीजीपी सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश (Rajasthan High Court ordered) जग दातार सिंह व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 23 दिसंबर 2019 को कुश्ती, हॉकी और हैंडबॉल सहित अन्य खेल के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए पुलिस उपनिरीक्षक पद पर भर्ती निकाली. विभाग की ओर से 13 जनवरी को एसएमएस स्टेडियम में ट्रायल आयोजित किया गया. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. वहीं विभाग ने 25 जनवरी को परिणाम जारी किया. लेकिन उसमें याचिकाकर्ताओं को चयन से वंचित कर दिया.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के पास नेशनल लेवल का खेल प्रमाण पत्र है. इसके अलावा उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा था. इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं का चयन नहीं किया. दूसरी ओर विभाग ने उन खिलाड़ियों का चयन कर लिया, जिनके पास नेशनल लेवल का खेल प्रमाण पत्र नहीं है और उनके अंक भी याचिकाकर्ताओं से कम आए हैं. याचिका में कहा गया कि विभाग ने भर्ती में अनियमितता बरती है. ऐसे में नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए भर्ती का संपूर्ण रिकॉर्ड तलब किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नियुक्तियां देने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.