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राजस्थान हाईकोर्ट का एफआईआर पर कार्रवाई करने पर रोक, आरसीए से मांगा जवाब

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Published : Jan 21, 2020, 8:28 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने ज्योतिनगर थाने में दर्ज की गई एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. ये एफआईआर पूर्व पदाधिकारी आरएस नांदू के खिलाफ दर्ज कराई गई थी. साथ ही अदालत ने आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट, Ex-officio RS Nandu, Judge SP Sharma
राजस्थान हाईकोर्ट ने एफआईआर पर कार्रवाई करने पर लगाई रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए के पूर्व पदाधिकारी आरएस नांदू के खिलाफ ज्योतिनगर थाने में दर्ज एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश आरएस नांदू की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि महेन्द्र नाहर ने पिछले 4 सितंबर को ज्योतिनगर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सचिव पद पर नहीं होने के बावजूद भी याचिकाकर्ता ने आरसीए के चुनाव संबंधी नोटिस आरसीए के लेटरहेड पर जारी किए.

पढ़े- परिवहन विभाग के सामने बड़ी चुनौती, राजस्व पूरा करने के लिए अर्जित करने होंगे प्रतिदिन 31 करोड़

उन्होंने कहा कि इस तरह से याचिकाकर्ता ने लेटरहेड का दुरुपयोग किया है. जबकि महेन्द्र नाहर को आरसीए की ओर से एफआईआर दर्ज करने का अधिकार ही नहीं था. क्योंकि उन्हें पद से हटा दिया गया था. वहीं, आरसीए के संविधान में इस तरह के मामले आब्रिर्टेटर के सामने रखने का प्रावधान है. इसके बावजूद याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए के पूर्व पदाधिकारी आरएस नांदू के खिलाफ ज्योतिनगर थाने में दर्ज एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश आरएस नांदू की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि महेन्द्र नाहर ने पिछले 4 सितंबर को ज्योतिनगर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सचिव पद पर नहीं होने के बावजूद भी याचिकाकर्ता ने आरसीए के चुनाव संबंधी नोटिस आरसीए के लेटरहेड पर जारी किए.

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उन्होंने कहा कि इस तरह से याचिकाकर्ता ने लेटरहेड का दुरुपयोग किया है. जबकि महेन्द्र नाहर को आरसीए की ओर से एफआईआर दर्ज करने का अधिकार ही नहीं था. क्योंकि उन्हें पद से हटा दिया गया था. वहीं, आरसीए के संविधान में इस तरह के मामले आब्रिर्टेटर के सामने रखने का प्रावधान है. इसके बावजूद याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए के पूर्व पदाधिकारी आरएस नांदू के खिलाफ ज्योतिनगर थाने में दर्ज एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश आरएस नांदू की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में कहा गया कि महेन्द्र नाहर ने गत 4 सितंबर को ज्योतिनगर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सचिव पद पर नहीं होने के बावजूद भी याचिकाकर्ता ने आरसीए के चुनाव संबंधी नोटिस आरसीए के लेटरहेड पर जारी किए। इस तरह से याचिकाकर्ता ने लेटरहेड का दुरुपयोग किया है। जबकि महेन्द्र नाहर को आरसीए की ओर से एफआईआर दर्ज करने का अधिकार ही नहीं था। क्योंकि उन्हें पद से हटा दिया गया था। वहीं आरसीए के संविधान में इस तरह के मामले आब्रिर्टेटर के सामने रखने का प्रावधान है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए आरसीए अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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