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3 जिलों में लगे संविदाकर्मी एएनएम और जीएनएम को हटाने पर हाई कोर्ट की रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने झालावाड़, बूंदी और सवाई माधोपुर की विभिन्न सीएचसी में लगे याचिकाकर्ता संविदाकर्मी एएनएम और जीएनएम को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य निदेशक और एनएचएम मिशन निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jun 4, 2021, 10:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झालावाड़, बूंदी और सवाई माधोपुर की विभिन्न सीएचसी में लगे याचिकाकर्ता संविदाकर्मी एएनएम और जीएनएम को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य निदेशक और एनएचएम मिशन निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश जयदीप शर्मा और अन्य की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता लंबे समय से विभिन्न सीएचसी में संविदा पर नर्सिंग कर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ विभाग में कोई शिकायत भी नहीं है, अब उन्हें हटाकर दूसरे संविदाकर्मियों को लिया जा रहा है, जबकि नियमानुसार पद पर नियमित भर्ती होने पर ही याचिकाकर्ता को हटाया जा सकता है. एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मी की नियुक्ति नहीं की जा सकती, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झालावाड़, बूंदी और सवाई माधोपुर की विभिन्न सीएचसी में लगे याचिकाकर्ता संविदाकर्मी एएनएम और जीएनएम को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य निदेशक और एनएचएम मिशन निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश जयदीप शर्मा और अन्य की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता लंबे समय से विभिन्न सीएचसी में संविदा पर नर्सिंग कर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ विभाग में कोई शिकायत भी नहीं है, अब उन्हें हटाकर दूसरे संविदाकर्मियों को लिया जा रहा है, जबकि नियमानुसार पद पर नियमित भर्ती होने पर ही याचिकाकर्ता को हटाया जा सकता है. एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मी की नियुक्ति नहीं की जा सकती, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगा दी है.

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