ETV Bharat / state

भरतपुर में डेढ़ साल से खाली जिला प्रमुख का पद, राजनीति के दांव-पेंच में फंसा प्रशासन - BHARATPUR DISTRICT HEAD

भरतपुर में जिला प्रमुख का पद डेढ़ साल से रिक्त है, जिससे प्रशासनिक संकट और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

डेढ़ साल से खाली जिला प्रमुख का पद
डेढ़ साल से खाली जिला प्रमुख का पद (ETV Bharat Bharatpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2025, 8:23 PM IST

भरतपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला भरतपुर इस समय एक गंभीर राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. जिला प्रमुख का पद पिछले डेढ़ साल से रिक्त पड़ा हुआ है, जब से पूर्व प्रमुख जगत सिंह भाजपा के नदबई से विधायक बने हैं. इस पद के खाली रहने से न केवल प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि जिले की राजनीति भी गरमाई हुई है.

कलेक्टर के हाथों में बागडोर : चूंकि जिला प्रमुख का पद खाली है, वर्तमान में जिले के कार्यों का संचालन कलेक्टर डॉ. अमित यादव के हाथों में है. हालांकि, यह व्यवस्था स्थायी नहीं है और जिले के लिए प्रभावी भी नहीं मानी जा सकती. विकास कार्यों के अलावा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक निर्वाचित प्रमुख की आवश्यकता है, लेकिन राजनीतिक कारणों से इस पद के लिए चुनाव नहीं हो पा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- भरतपुर जिला प्रमुख चुनाव: कोरम विवाद ने बढ़ाई सियासी गर्मी, कुम्हेर प्रधान ने किया बैठक का बहिष्कार

राजनीतिक गतिरोध और प्रशासनिक सुस्ती : भाजपा विधायक बनने के बाद से जगत सिंह का यह पद रिक्त हैऔर उनकी सीट पर चुनाव न होने के कारण कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. विपक्ष इसे भाजपा सरकार की विफलता और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला होने के बावजूद इस स्थिति का समाधान अभी तक नहीं निकाला जा सका है.

प्रमुख का विरोध और बहिष्कार : इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को कुम्हेर प्रमुख रश्मि ने जिला परिषद की बैठक में इसका जोरदार विरोध किया. उनका कहना था कि जिले के विकास कार्य और योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने जिला प्रमुख के चुनाव को शीघ्र कराने की मांग की. रश्मि ने बैठक में कोरम पूरा नहीं होने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया. रश्मि के इस कदम ने न केवल प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि जिला परिषद में भी इस मुद्दे को लेकर गहरा असंतोष है.

इसे भी पढ़ें- जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस 'हिट विकेट', 11 जिला पार्षद पीछे हटे - Alwar Zila Parishad

विकास कार्यों पर असर : जिला प्रमुख के पद की रिक्तता के कारण भरतपुर में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य रुके हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, जल आपूर्ति योजनाएं और शिक्षा से संबंधित परियोजनाएं धीमी गति से चल रही हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही हैं.

राज्य चुनाव आयोग का निर्णय : इस मामले पर टिप्पणी करते हुए भरतपुर के जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि जिला प्रमुख के चुनाव के संबंध में अंतिम निर्णय राज्य चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा. चुनाव आयोग के निर्णय के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

भरतपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला भरतपुर इस समय एक गंभीर राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. जिला प्रमुख का पद पिछले डेढ़ साल से रिक्त पड़ा हुआ है, जब से पूर्व प्रमुख जगत सिंह भाजपा के नदबई से विधायक बने हैं. इस पद के खाली रहने से न केवल प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि जिले की राजनीति भी गरमाई हुई है.

कलेक्टर के हाथों में बागडोर : चूंकि जिला प्रमुख का पद खाली है, वर्तमान में जिले के कार्यों का संचालन कलेक्टर डॉ. अमित यादव के हाथों में है. हालांकि, यह व्यवस्था स्थायी नहीं है और जिले के लिए प्रभावी भी नहीं मानी जा सकती. विकास कार्यों के अलावा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक निर्वाचित प्रमुख की आवश्यकता है, लेकिन राजनीतिक कारणों से इस पद के लिए चुनाव नहीं हो पा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- भरतपुर जिला प्रमुख चुनाव: कोरम विवाद ने बढ़ाई सियासी गर्मी, कुम्हेर प्रधान ने किया बैठक का बहिष्कार

राजनीतिक गतिरोध और प्रशासनिक सुस्ती : भाजपा विधायक बनने के बाद से जगत सिंह का यह पद रिक्त हैऔर उनकी सीट पर चुनाव न होने के कारण कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. विपक्ष इसे भाजपा सरकार की विफलता और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला होने के बावजूद इस स्थिति का समाधान अभी तक नहीं निकाला जा सका है.

प्रमुख का विरोध और बहिष्कार : इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को कुम्हेर प्रमुख रश्मि ने जिला परिषद की बैठक में इसका जोरदार विरोध किया. उनका कहना था कि जिले के विकास कार्य और योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने जिला प्रमुख के चुनाव को शीघ्र कराने की मांग की. रश्मि ने बैठक में कोरम पूरा नहीं होने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया. रश्मि के इस कदम ने न केवल प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि जिला परिषद में भी इस मुद्दे को लेकर गहरा असंतोष है.

इसे भी पढ़ें- जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस 'हिट विकेट', 11 जिला पार्षद पीछे हटे - Alwar Zila Parishad

विकास कार्यों पर असर : जिला प्रमुख के पद की रिक्तता के कारण भरतपुर में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य रुके हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, जल आपूर्ति योजनाएं और शिक्षा से संबंधित परियोजनाएं धीमी गति से चल रही हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही हैं.

राज्य चुनाव आयोग का निर्णय : इस मामले पर टिप्पणी करते हुए भरतपुर के जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि जिला प्रमुख के चुनाव के संबंध में अंतिम निर्णय राज्य चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा. चुनाव आयोग के निर्णय के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.