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राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध आरा मशीनें संचालित होने पर मांगा जवाब

दौसा के लालसोट में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है. इन पेड़ों को काटने के बाद सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में चल रही आरा मशीनों तक पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

illegal saw machines, अवैध आरा मशीनें संचालित
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 18, 2020, 6:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा के लालसोट में बड़ी संख्या में अवैध आरा मशीनों के संचालन और पेड़ों की कटाई के मामले में दौसा कलेक्टर, लालसोट एसडीएम, तहसीलदार, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जिला उद्योग अधिकारी और वन विभाग सहित जेवीवीएनएल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश महेंद्र सिंह गुर्जर की जनहित याचिका पर दिए.

पढ़ेंः लॉकडाउन 4.0 के लिए गहलोत सरकार आज जारी करेगी दिशा-निर्देश, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मिल सकती है छूट

याचिका में अधिवक्ता रामरख शर्मा ने अदालत को बताया कि लालसोट में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है. इन पेड़ों को काटने के बाद सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में चल रही आरा मशीनों तक पहुंचाया जा रहा है. यहां तक कि जेवीवीएनएल से आटा चक्की के नाम पर बिजली कनेक्शन लेकर इन आरा मशीनों का संचालन किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि काश्तकारी अधिनियम के तहत किसान खेत जोतने के लिए तहसीलदार की अनुमति से ही पेड़ काट सकता है. तहसीलदार को भी दोगुने पेड़ लगाने की शर्त के साथ अधिकतम पांच पेड़ ही काटने की अनुमति देने की शक्ति है. इसके बावजूद यहां मिलीभगत कर बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं.

पढ़ेंः प्रदेश में 31 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, मजदूरों के लिए चलेंगी श्रमिक स्पेशल बसें: CM अशोक गहलोत

इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत दी गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में गुहार की गई है कि पेड़ों की कटाई बंद कर आरा मशीनों को जब्त किया जाए. जिसमें सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा के लालसोट में बड़ी संख्या में अवैध आरा मशीनों के संचालन और पेड़ों की कटाई के मामले में दौसा कलेक्टर, लालसोट एसडीएम, तहसीलदार, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जिला उद्योग अधिकारी और वन विभाग सहित जेवीवीएनएल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश महेंद्र सिंह गुर्जर की जनहित याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता रामरख शर्मा ने अदालत को बताया कि लालसोट में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है. इन पेड़ों को काटने के बाद सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में चल रही आरा मशीनों तक पहुंचाया जा रहा है. यहां तक कि जेवीवीएनएल से आटा चक्की के नाम पर बिजली कनेक्शन लेकर इन आरा मशीनों का संचालन किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि काश्तकारी अधिनियम के तहत किसान खेत जोतने के लिए तहसीलदार की अनुमति से ही पेड़ काट सकता है. तहसीलदार को भी दोगुने पेड़ लगाने की शर्त के साथ अधिकतम पांच पेड़ ही काटने की अनुमति देने की शक्ति है. इसके बावजूद यहां मिलीभगत कर बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं.

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इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत दी गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में गुहार की गई है कि पेड़ों की कटाई बंद कर आरा मशीनों को जब्त किया जाए. जिसमें सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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