जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक प्रेमी युगल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि तीस साल की विवाहिता एक अविवाहित युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती है. ऐसे में यह संबंध अवैध संबंधों की श्रेणी में आता है. न्यायाधीश सतीश शर्मा ने झुंझुनू निवासी महिला और युवक की संयुक्त याचिका को खारिज कर दिया.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता वयस्क हैं और स्वेच्छा से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं. याचिकाकर्ता महिला पहले से विवाहित है और अपने पति की मारपीट से तंग आकर अलग रहने को मजबूर हुई है. याचिकाकर्ताओं के लिव इन में रहने से उनके परिजन नाराज हैं. ऐसे में उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
वहीं याचिकाकर्ताओं के परिजनों का कहना था कि याचिकाकर्ता युवक के बहकावे में आकर महिला उसके साथ रहने लगी है. ऐसे में दोनों के संबंध असामाजिक और अवैध होने के साथ ही कानून के विरूद्ध भी हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे युगल को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने का अर्थ परोक्ष रूप से अवैध संबंधों को अनुमति देना है.