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रीट पेपर लीक प्रकरण: सुनवाई में सरकार के वकील ने कहा- कुछ लोगों के लिए नहीं कर सकते लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा रद्द - Rajasthan news

रीट परीक्षा पेपर लीक (Reet exam paper leak) को लेकर कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक टाल दी है. कोर्ट में सरकार के वकील ने कहा कि कुछ लोगों की नकल को लेकर लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता.

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रीट परीक्षा पेपर लीक
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Published : Nov 11, 2021, 8:28 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 9:33 PM IST

जयपुर. रीट भर्ती-2021 में कथित पेपर लीक और अनियमिता को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक टाल दी है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश भागचंद शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और बोर्ड की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि मामले में एसओजी की जांच लंबित चल रही है. मामले में कुछ लोगों की लिप्तता सामने आई है. ऐसे में उनका परिणाम रोक लिया गया है. कुछ लोगों की नकल को लेकर लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता. यदि एसओजी पेपर लीक मानेगी तो उसके आधार पर निर्णय किया जाएगा.

यह भी पढ़ें. हाईकोर्ट में सुनवाई की तारीख बढ़ने पर BSTC डिग्रीधारियों में बढ़ा आक्रोश... मामले में अहम सुनवाई 22 नवंबर को होगी

बोर्ड की ओर से यह भी कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों ने याचिकाएं लगाई हैं, उनमें से अधिकांश ने परीक्षा में न्यूनतम अंक ही प्राप्त नहीं किए हैं. वे चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो जाए तो उन्हें एक अवसर और मिल जाए. वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि परीक्षा शुरू होने ने पहले ही अनाधिकृत लोगों के पास पेपर आ गया था. पेपर लीक के कारण कुछ अफसरों को निलंबित भी किया गया है. ऐसे में मामले की केंद्रीय जांच एजेन्सी से निष्पक्ष जांच कराई जाए और तब तक परिणाम पर रोक लगाई जाए.

जयपुर. रीट भर्ती-2021 में कथित पेपर लीक और अनियमिता को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक टाल दी है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश भागचंद शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और बोर्ड की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि मामले में एसओजी की जांच लंबित चल रही है. मामले में कुछ लोगों की लिप्तता सामने आई है. ऐसे में उनका परिणाम रोक लिया गया है. कुछ लोगों की नकल को लेकर लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता. यदि एसओजी पेपर लीक मानेगी तो उसके आधार पर निर्णय किया जाएगा.

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बोर्ड की ओर से यह भी कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों ने याचिकाएं लगाई हैं, उनमें से अधिकांश ने परीक्षा में न्यूनतम अंक ही प्राप्त नहीं किए हैं. वे चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो जाए तो उन्हें एक अवसर और मिल जाए. वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि परीक्षा शुरू होने ने पहले ही अनाधिकृत लोगों के पास पेपर आ गया था. पेपर लीक के कारण कुछ अफसरों को निलंबित भी किया गया है. ऐसे में मामले की केंद्रीय जांच एजेन्सी से निष्पक्ष जांच कराई जाए और तब तक परिणाम पर रोक लगाई जाए.

Last Updated : Nov 11, 2021, 9:33 PM IST
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