जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. जिसमें कोर्ट ने RAS भर्ती की मुख्य परीक्षा में आरक्षित वर्ग के पदों की संख्या के पंद्रह गुना से अधिक शामिल किए गए अभ्यर्थियों को अंतिम चयन में अनारक्षित पदों पर नियुक्ति कैसे दी गई है, ये पूछा है. इसके साथ ही अदालत ने इन पदों पर दी गई नियुक्तियों को अंतरिम मानते हुए याचिका के निर्णयाधीन रखा है.
न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मनीष अवस्थी की याचिका पर दिया है. याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने RSS भर्ती नियमों में साल 2020 में संशोधन कर इन्हें वर्ष 2013 से लागू किया. संशोधन के अनुसार मुख्य परीक्षा में आरक्षित वर्ग के लिए तय की गई सीटों के पंद्रह गुणा अभ्यर्थियों से अधिक बुलाए गए. अभ्यर्थियों को अंतिम चयन में आरक्षित वर्ग में ही नियुक्ति दी जाएगी.
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याचिका में कहा गया कि इस संशोधित नियम की अनदेखी कर राज्य सरकार ने इन अभ्यर्थियों के सामान्य वर्ग से अधिक अंक आने पर इन्हें अनारक्षित पदों पर चयन कर लिया. जबकि इन्हें मुख्य परीक्षा में ही इसी शर्त के साथ शामिल किया गया था कि इनका अंतिम चयन आरक्षित पदों पर ही किया जाएगा. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए दी गई. नियुक्तियों को अंतरिम मानते हुए याचिका के निर्णयाधीन रखा है.