जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बसपा विधायकों के दल-बदल के मामले में विधानसभा स्पीकर के 22 जुलाई 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत स्पीकर ने मदन दिलावर की अर्जी को तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया था. अदालत ने कहा है कि स्पीकर दिलावर की अर्जी को 3 महीने में नए सिरे से तय करें.
न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश मदन दिलावर की याचिका को निस्तारित करते हुए दिए. इसी तरह अदालत ने बसपा की ओर से दायर याचिका को भी निस्तारित कर दिया है. याचिकाकर्ता मदन दिलावर और बसपा पार्टी की ओर से स्पीकर के बसपा विधायकों के दल-बदल के आदेश को निरस्त कर विधायकों पर कार्रवाई की गुहार की गई है. जबकि स्पीकर, कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों और कांग्रेस की ओर से विलय को सही बताते हुए याचिकाओं को खारिज करने की दलील दी गई हैं.
बता दें राजस्थान हाइकोर्ट ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के मामले में विधानसभा स्पीकर की ओर से 18 सितंबर को दिए आदेश को प्रशासनिक आदेश की श्रेणी में मानते हुए निरस्त करने से इंकार कर दिया है.
हालांकि, अदालत ने इस आदेश के खिलाफ पेश याचिका को निरस्त करने के स्पीकर के गत 22 जुलाई के आदेश को रद्द कर दिया है. अदालत ने स्पीकर से उम्मीद जताई है कि वह 3 माह में मदन दिलावर की डिसक्वालीफिकेशन पिटिशन को तय करें. वहीं अदालत ने बसपा पार्टी की याचिका को भी खारिज कर दिया है.
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कब क्या हुआ...
- 16 सितंबर 2019 को बसपा विधायकों ने स्पीकर को कांग्रेस में शामिल होने की अर्जी दी
- 18 सितंबर 2019 को स्पीकर ने बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया
- 16 मार्च 2020 को मदन दिलावर ने स्पीकर के समक्ष शिकायत याचिका पेश की
- 22 जुलाई 2020 को स्पीकर ने तकनीकी आधार पर दिलावर की याचिका को खारिज किया
- 29 जुलाई 2020 को बसपा और मदन दिलावर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की
- 30 जुलाई 2020 को एकलपीठ ने नोटिस जारी किए
- 5 अगस्त 2020 को बसपा और दिलावर की अपील पर खंडपीठ ने स्पीकर को नोटिस जारी किए
- 6 अगस्त 2020 को खंडपीठ ने अपील का निस्तारण करते हुए विधायकों पर नोटिस तामील कराने और एकलपीठ को स्टे एप्लीकेशन तय करने को कहा
- 11 अगस्त 2020 से एकलपीठ में सुनवाई शुरू
- 14 अगस्त 2020 को बहस हुई पूरी