ETV Bharat / city

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निजी विश्वविद्यालय भी आगे आएं: राज्यपाल कलराज मिश्र

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जिस समाज में बालिकाएं अधिक शिक्षित होती हैं, वह तेजी से विकास करता है. बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है. निजी विश्वविद्यालयों को अपने यहां इस बारे में विशेष कदम उठाने चाहिए.

kalraj mishra
kalraj mishra
author img

By

Published : Oct 30, 2021, 4:50 PM IST

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (Jaipur National University) के 11वें दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्राओं के नामांकन में सुधार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बालिकाओं को यदि अवसर दिए जाते हैं, तो वह अपने आपको हर क्षेत्र में उत्कृष्ट साबित कर सकती हैं.

राज्यपाल ने इस अवसर पर नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि 34 वर्षों के बाद देश की नई शिक्षा नीति बनी है. इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक बनाना है. उन्होंने विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि शोध गतिविधियों से विद्यार्थियों की आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित होनी चाहिए. शोध ऐसे होने चाहिए जो अकादमिक एवं सामाजिक दोनों दृष्टि से उपयोगी हों.

पढ़ें : सतीश पूनिया बोले- सीएम गहलोत को कुर्सी जाने की आशंका, हर दिन अपना बयान बदल कर लेते हैं U Turn

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान मानव अधिकारों और कर्तव्यों का वैश्विक दस्तावेज है. नई पीढ़ी संविधान के प्रति जागरूक रहे, इस उद्देश्य से प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनवाने की पहल की गई है. राज्यपाल ने सुझाव दिया कि निजी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में पहले करें. जिससे यहां के विद्यार्थी संविधान के उच्च आदर्शों को जीवन में उतारने की प्रेरणा प्राप्त कर सकें.

उन्होंने कहा कि शिक्षा से विद्यार्थियों में चारित्रिक मूल्यों की नींव तैयार होती है. इसलिए विश्वविद्यालयी शिक्षा केवल औपचारिक नहीं होनी चाहिए बल्कि उससे विद्यार्थियों का व्यक्तित्व निर्माण होना चाहिए. शिक्षा से विद्यार्थियों में मौलिक सोचने की शक्ति विकसित होनी चाहिए.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (Jaipur National University) के 11वें दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्राओं के नामांकन में सुधार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बालिकाओं को यदि अवसर दिए जाते हैं, तो वह अपने आपको हर क्षेत्र में उत्कृष्ट साबित कर सकती हैं.

राज्यपाल ने इस अवसर पर नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि 34 वर्षों के बाद देश की नई शिक्षा नीति बनी है. इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक बनाना है. उन्होंने विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि शोध गतिविधियों से विद्यार्थियों की आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित होनी चाहिए. शोध ऐसे होने चाहिए जो अकादमिक एवं सामाजिक दोनों दृष्टि से उपयोगी हों.

पढ़ें : सतीश पूनिया बोले- सीएम गहलोत को कुर्सी जाने की आशंका, हर दिन अपना बयान बदल कर लेते हैं U Turn

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान मानव अधिकारों और कर्तव्यों का वैश्विक दस्तावेज है. नई पीढ़ी संविधान के प्रति जागरूक रहे, इस उद्देश्य से प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनवाने की पहल की गई है. राज्यपाल ने सुझाव दिया कि निजी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में पहले करें. जिससे यहां के विद्यार्थी संविधान के उच्च आदर्शों को जीवन में उतारने की प्रेरणा प्राप्त कर सकें.

उन्होंने कहा कि शिक्षा से विद्यार्थियों में चारित्रिक मूल्यों की नींव तैयार होती है. इसलिए विश्वविद्यालयी शिक्षा केवल औपचारिक नहीं होनी चाहिए बल्कि उससे विद्यार्थियों का व्यक्तित्व निर्माण होना चाहिए. शिक्षा से विद्यार्थियों में मौलिक सोचने की शक्ति विकसित होनी चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.