जयपुर. अब सहकारी समिति केवल राज्य सरकार और स्थानीय निकायों से भूमि आवंटित करवा कर ही योजना विकसित कर पाएंगी. सहकारी नियम के अनुसार सहकारी समिति अन्य संस्थाओं या व्यक्ति और खातेदार से सीधे भूमि नहीं खरीद सकेगी.
सभी स्थितियों में सोसाइटी केवल एक ही योजना सृजित कर सकती है. इससे ज्यादा योजना विकसित करने पर कानूनी रोक रहेगी. सहकारिता विभाग ने गृह निर्माण सहकारी समितियों के पर नियम संशोधित करते हुए आदर्श उप नियम के प्रारूप तैयार किया है. इसके तहत सभी उप पंजीयक सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है. सहकारिता विभाग में यह प्रारूप राजस्थान हाई कोर्ट के एक मामले में दिए गए निर्णय के बाद नियमों में संशोधन कर तैयार किया है.
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नए नियम में धोखाधड़ी की संभावना कम
गृह निर्माण सहकारी समितियों के फर्जीवाड़े के कई मामले सरकार और विभाग के समक्ष आए हैं. लेकिन मौजूदा नियमों के तहत कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती थी, वहीं इस प्रकार के मामले रोकने के लिए जरूरी था कि नए सिरे से कुछ नियमों में संशोधन किया जाए. अकेले जयपुर में ही सैकड़ों गृह निर्माण सहकारी समितियां संचालित है और इनके बैक डेट में जारी किए गए पट्टों की कई मामले सामने आ चुके हैं.