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Strictness against co-operative societies : सहकारी समितियों पर सरकार ने कसा शिकंजा, विभाग भी हुआ सख्त..

राजस्थान में गृह निर्माण सहकारी समितियों (cooperative societies) की धोखाधड़ी (Fraud Cases ) के कई मामले सामने आ चुके हैं. अब सरकार और सहकारिता विभाग (cooperative Department ) में ऐसी समितियों के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है. समितियों की ओर से बैक डेट में पट्टे काटकर (Lease issued in back date ) लाभ कमाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं.

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Published : Nov 24, 2021, 4:50 PM IST

Strictness against co-operative societies
Strictness against co-operative societies

जयपुर. अब सहकारी समिति केवल राज्य सरकार और स्थानीय निकायों से भूमि आवंटित करवा कर ही योजना विकसित कर पाएंगी. सहकारी नियम के अनुसार सहकारी समिति अन्य संस्थाओं या व्यक्ति और खातेदार से सीधे भूमि नहीं खरीद सकेगी.

सभी स्थितियों में सोसाइटी केवल एक ही योजना सृजित कर सकती है. इससे ज्यादा योजना विकसित करने पर कानूनी रोक रहेगी. सहकारिता विभाग ने गृह निर्माण सहकारी समितियों के पर नियम संशोधित करते हुए आदर्श उप नियम के प्रारूप तैयार किया है. इसके तहत सभी उप पंजीयक सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है. सहकारिता विभाग में यह प्रारूप राजस्थान हाई कोर्ट के एक मामले में दिए गए निर्णय के बाद नियमों में संशोधन कर तैयार किया है.

पढ़ें- जयपुर की खुली जेल से भागा एक कैदी, अच्छा आचरण देखकर खुली जेल में कैदी को किया था शिफ्ट

नए नियम में धोखाधड़ी की संभावना कम

गृह निर्माण सहकारी समितियों के फर्जीवाड़े के कई मामले सरकार और विभाग के समक्ष आए हैं. लेकिन मौजूदा नियमों के तहत कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती थी, वहीं इस प्रकार के मामले रोकने के लिए जरूरी था कि नए सिरे से कुछ नियमों में संशोधन किया जाए. अकेले जयपुर में ही सैकड़ों गृह निर्माण सहकारी समितियां संचालित है और इनके बैक डेट में जारी किए गए पट्टों की कई मामले सामने आ चुके हैं.

जयपुर. अब सहकारी समिति केवल राज्य सरकार और स्थानीय निकायों से भूमि आवंटित करवा कर ही योजना विकसित कर पाएंगी. सहकारी नियम के अनुसार सहकारी समिति अन्य संस्थाओं या व्यक्ति और खातेदार से सीधे भूमि नहीं खरीद सकेगी.

सभी स्थितियों में सोसाइटी केवल एक ही योजना सृजित कर सकती है. इससे ज्यादा योजना विकसित करने पर कानूनी रोक रहेगी. सहकारिता विभाग ने गृह निर्माण सहकारी समितियों के पर नियम संशोधित करते हुए आदर्श उप नियम के प्रारूप तैयार किया है. इसके तहत सभी उप पंजीयक सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है. सहकारिता विभाग में यह प्रारूप राजस्थान हाई कोर्ट के एक मामले में दिए गए निर्णय के बाद नियमों में संशोधन कर तैयार किया है.

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नए नियम में धोखाधड़ी की संभावना कम

गृह निर्माण सहकारी समितियों के फर्जीवाड़े के कई मामले सरकार और विभाग के समक्ष आए हैं. लेकिन मौजूदा नियमों के तहत कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती थी, वहीं इस प्रकार के मामले रोकने के लिए जरूरी था कि नए सिरे से कुछ नियमों में संशोधन किया जाए. अकेले जयपुर में ही सैकड़ों गृह निर्माण सहकारी समितियां संचालित है और इनके बैक डेट में जारी किए गए पट्टों की कई मामले सामने आ चुके हैं.

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