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गहलोत सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, लिए ये 3 अहम निर्णय

राज्य सरकार ने कृषि जिन्सों के विक्रय के लिए राज्य के लगभग 460 क्रय-विक्रय और ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ ही तिलम संघ को शिथिलताएं देकर निजी गौण मंडी घोषित करने की स्वीकृति दी गई है. सरकार के इस फैसले से कृषि जिन्सों की विकेन्द्रित खरीद हो सकेगी.

CM for Farmers, राजस्थान के किसान
राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में लिए 3 निर्णय
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Published : Apr 10, 2020, 8:40 AM IST

Updated : Apr 10, 2020, 9:51 AM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने किसानों के हित में गुरुवार को तीन अहम निर्णय लिए हैं. इन निर्णयों के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन को देखते हुए किसानों को राहत दी है. कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि कृषि जिन्सों के विक्रय के लिए राज्य के लगभग 460 क्रय-विक्रय और ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ ही तिलम संघ को शिथिलताएं देकर निजी गौण मंडी घोषित करने की स्वीकृति दी गई है.

सरकार के इस फैसले से कृषि जिन्सों की विकेन्द्रित खरीद हो सकेगी. किसान अपनी कृषि उपज को बेचने के लिए अपने खेत और गांव के पास ही सहकारी समितियों पर ला सकेंगे. साथ ही किसान कृषि उपज मण्डियों के अनुरूप ही अपनी कृषि जिन्सों की खुली निलामी से विक्रय कर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त कर सकेंगे.

पढ़ें: कोरोना से जंग में राजस्थान की क्या है तैयारी, देखें रिपोर्ट

कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र के लिए मंडी समितियों में आवेदन करने से भी छूट दी गई है. अब कृषि प्रसंस्करण इकाईयों (जैसे- दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल और चावल मिल) को लाइसेंस के लिए मंडी समितियों में आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मंडी समितियां इन प्रसंस्करण इकाईयों को खुद ही सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र जारी करेगी.

कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अब तक आवेदन के साथ उनके द्वारा घोषित एक दिन की खरीद के समतुल्य प्रतिभूति जमा करवानी होती है. इस प्रावधान में भी छूट दी गई है, अब ये प्रतिभूति 30 जून 2020 तक जमा कराई जा सकती है. इससे राज्य में करीब 500 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अनुज्ञापत्र मिल सकेंगे. इस निर्णय से किसानों को अपने खेत के समीप ही कृषि उपज के विक्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकेंगे. साथ ही प्रसंस्करण उद्योगों को कच्चा माल सहज उपलब्ध हो सकेगा.

बीमा के राज्यांश के लिए 500 करोड़ रुपये...
प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्यांश प्रीमियम जमा करवाने के लिए 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है. पिछले एक साल में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपये का भुगतान कर चुकी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रुपये के प्रीमियम का भुगतान करने का निर्णय लिया था, जिससे खरीफ 2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके. साथ ही किसानों को लम्बित क्लेम का भुगतान हो सके. इस क्रम में 500 करोड रुपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है.

जयपुर. राज्य सरकार ने किसानों के हित में गुरुवार को तीन अहम निर्णय लिए हैं. इन निर्णयों के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन को देखते हुए किसानों को राहत दी है. कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि कृषि जिन्सों के विक्रय के लिए राज्य के लगभग 460 क्रय-विक्रय और ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ ही तिलम संघ को शिथिलताएं देकर निजी गौण मंडी घोषित करने की स्वीकृति दी गई है.

सरकार के इस फैसले से कृषि जिन्सों की विकेन्द्रित खरीद हो सकेगी. किसान अपनी कृषि उपज को बेचने के लिए अपने खेत और गांव के पास ही सहकारी समितियों पर ला सकेंगे. साथ ही किसान कृषि उपज मण्डियों के अनुरूप ही अपनी कृषि जिन्सों की खुली निलामी से विक्रय कर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त कर सकेंगे.

पढ़ें: कोरोना से जंग में राजस्थान की क्या है तैयारी, देखें रिपोर्ट

कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र के लिए मंडी समितियों में आवेदन करने से भी छूट दी गई है. अब कृषि प्रसंस्करण इकाईयों (जैसे- दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल और चावल मिल) को लाइसेंस के लिए मंडी समितियों में आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मंडी समितियां इन प्रसंस्करण इकाईयों को खुद ही सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र जारी करेगी.

कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अब तक आवेदन के साथ उनके द्वारा घोषित एक दिन की खरीद के समतुल्य प्रतिभूति जमा करवानी होती है. इस प्रावधान में भी छूट दी गई है, अब ये प्रतिभूति 30 जून 2020 तक जमा कराई जा सकती है. इससे राज्य में करीब 500 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अनुज्ञापत्र मिल सकेंगे. इस निर्णय से किसानों को अपने खेत के समीप ही कृषि उपज के विक्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकेंगे. साथ ही प्रसंस्करण उद्योगों को कच्चा माल सहज उपलब्ध हो सकेगा.

बीमा के राज्यांश के लिए 500 करोड़ रुपये...
प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्यांश प्रीमियम जमा करवाने के लिए 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है. पिछले एक साल में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपये का भुगतान कर चुकी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रुपये के प्रीमियम का भुगतान करने का निर्णय लिया था, जिससे खरीफ 2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके. साथ ही किसानों को लम्बित क्लेम का भुगतान हो सके. इस क्रम में 500 करोड रुपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है.

Last Updated : Apr 10, 2020, 9:51 AM IST
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