जयपुर. हाल ही में राज्य सरकार की ओर से होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीजों के इलाज को लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई थी. पहली बार सरकार ने एलोपैथी दवा के साथ-साथ होम्योपैथी दवा को भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कारगर माना है. इस गाइडलाइन में होम आइसोलेट किए गए कोविड-19 मरीजों को कोरोना से ठीक होने के लिए होम्योपैथी की दवाइयों का सुझाव दिया गया है.
सरकार की ओर से होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीजों को कोरोना से ठीक होने के लिए होम्योपैथिक की दवाइयों का सुझाव पहली बार पेश किया गया है. दरअसल राजधानी जयपुर के होम्योपैथी चिकित्सक डॉक्टर अजय यादव ने कोरोना महामारी के दौरान एक किताब लिखी थी जिसका नाम 'मिस्ट्री ऑफ कोरोना' है. इस किताब की जानकारी सीएम अशोक गहलोत तक भी पहुंची थी इस किताब में बताया गया था कि होम्योपैथी दवा से कोरोना के इलाज के क्या कुछ संभावनाएं हैं. ऐसे में हाल ही में राज्य सरकार की ओर से जारी की गई एक गाइडलाइन में होम्योपैथी दवा को भी शामिल किया गया है.
चिकित्सक ने किया दावा:
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अजय यादव ने दावा किया है कि उनकी तरफ से तैयार की गई कोविड-19 की दवा कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर अभी तक कारगर साबित हुई है. डॉ. यादव का कहना है कि करीब 2 महीने की मेहनत के बाद उन्होंने यह दवा तैयार की और उन्हें खुशी है कि सरकार ने पहली बार कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक दवा में विश्वास जताया.
इन दवाओं को किया शामिल:
राज्य सरकार की ओर से होम क्वॉरेंटाइन किए गए कोविड-19 एसिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए होम्योपैथी दवा को कारगर बताया है. इसके तहत जारी की गई गाइडलाइन में ब्रोमियम, क्लोरम, ओजानम, काली ब्रोमियम और काली क्लोरम जैसी होम्योपैथी दवाइयों को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बेहतर बताया है.
क्या है गाइडलाइनः
हाल ही में राज्य सरकार की ओर से होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीजों के लिए कुछ आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं-
- जिसमें बताया गया है कि होम आइसोलेट किए गए मरीज अपने घर के सुरक्षित क्षेत्र में सीमित रहे, ताकि अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा नहीं फैले.
- कोविड-19 संक्रमित मरीज के लिए अलग से हवादार कमरा और शौचालय होना अनिवार्य है.
- चिकित्सा विभाग द्वारा मांगी गई सभी जानकारी ठीक से उपलब्ध कराएं ताकि सही इलाज मरीज तक पहुंच सकें.
- दिन में दो बार सुबह और रात को अपने स्वास्थ्य का परीक्षण करें.
- थर्मामीटर से अपने शरीर के तापमान की जांच करें और हर 2 घंटे के दौरान पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा अपने ऑक्सीजन लेवल की जांच करें.
- सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द या चेहरे का नीला पड़ने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें.
- इसे लेकर (01412225624 या 108) पर संपर्क करे.