जयपुर. विपक्ष की ओर से उठ रहे सवालों के बीच राज्य की गहलोत सरकार ने बेरोजगारों को सरकारी नोकरी के देने के आंकड़े पेश कर अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश की है. गहलोत सरकार ने शुक्रवार देर रात आंकड़े जारी करते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं की बेरोजगारी की स्थिति के विषय में सरकार गंभीर है. और बीते 6 माह में पिछली सरकार के समय से लंबित चल रही कई भर्तियों की सफल अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी में नियुक्ति दी गई है.
पढ़ेंः कश्मीर में अनुच्छेद 370 कैंसर था, मोदी ने इसका इलाज कर दिया : एमएस बिट्टा
ये आंकड़े शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में सामने आए. कानूनी पेचीदगियों के बीच फंसी भर्तियों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने विभिन्न भर्तियों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी के कारणों का समाधान किया. उसके बाद हजारों अभ्यर्थियों के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता साफ हुआ. साथ ही वर्तमान प्रक्रिया मे जिन भर्तियों में नियुक्ति से संबंधित बाधाएं आ रही हैं, उनको दूर करने और पारदर्शी बनाने के लिए मुख्य सचिव स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी.
बैठक में यह भी सामने आया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्थान राज्य अधीनस्थ सेवा प्रतियोगिता यानी आरएएस के सफल अभ्यर्थियों को अंकित परिणाम घोषित होने के करीब 20 माह बाद यानी 30 जून 2019 को वर्तमान सरकार ने सेवा आवंटन पर नियुक्ति दी. उसके बाद राज्य सरकार ने भविष्य में आरएएस परीक्षा के समयबद्ध आयोजन एवं सेवा आवंटन के लिए समिति का गठन कर दिया है. जो भर्ती संबंधी कानूनी अड़चनों का समय पर समाधान करेगी.
पढ़ेंः मोटिवेशनल स्पीकर 'छोटी गुरु मां' छात्राओं को कुछ इस तरह से कर रहीं हैं मोटिवेट
इसके साथ ही 2013 की लिपिक ग्रेड की भर्ती में आरक्षित सूची के 1325 विद्यार्थियों के परिणाम जारी करने निर्देश दिए गए. उसके बाद फरवरी माह में 1000 से अधिक अभ्यर्थियों को विभाग आवंटित कर नियुक्ति दे दी गई. इसी प्रकार प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 26 हजार शिक्षकों के पदों पर भर्ती की गई. जिसमें 18 हजार 480 पदों पर नियुक्ति दे दी गई. शेष अभ्यर्थीयों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. वहीं उच्चशिक्षा विभाग में कुल 1 हजार 175 चयनित अभ्यर्थियों में से 1 हजार 111 अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है.