जयपुर. प्रदेश में 1 सितंबर से नया पर्यटन सत्र शुरू हो गया है. ऐसे में नई नीति को पर्यटन सत्र के दूसरे दिन ही प्रदेश में लागू कर दिया है. सरकार ने नई नीति में आईकॉनिक मोनुमेंट्स और हेरिटेज क्षेत्र पर काफी जोर दिया. साथ ही स्पेशल हेरिटेज गांव, क्राफ्ट गांव तैयार करने और अनुभव आत्मक पर्यटन पर भी फोकस किया गया है. इसके अलावा मरू पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म, वाइल्डलाइफ एंड इको टूरिज्म, ट्रैवल टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन, क्राफ्ट ऑफ भंजन, पर्यटन वीकेंड, गेटवे टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन, शादी पर्यटन टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन को लेकर भी नई नीति में कई प्रावधान किए गए हैं.
नई नीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर बूंदी उत्सव योजना भी तय की गई है. पर्यटन नीति में भू-रूपांतरण के मामले में सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने और फिर मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए गए हैं. ताकि विदेशी पर्यटकों की अनुपस्थिति में घरेलू पर्यटकों को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप शाही ट्रेन में यात्रा करवाई जा सके.
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कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पर्यटन ढांचे के विकास और नए पर्यटन सत्र में पर्यटन उद्योग को नई नीति के प्रावधानों के अनुरूप संबल देने के प्रयास किए गए हैं. इससे उम्मीद की जा सकती है कि इस नए पर्यटन सत्र में कोविड-19 से जूझ रहे पर्यटन उद्योग को नई ताकत जरूर मिलेगी.
प्रमुख विदेशी पर्यटन बोर्ड्स से होगा MOU...
प्रदेश की नई पर्यटन नीति बुधवार से लागू हो गई है. ऐसे में पर्यटन के क्षेत्र में अनुभव साझा करने और संबंधित देशों में इस क्षेत्र में प्रचलित सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के आदान प्रदान करने के लिए प्रमुख विदेशी पर्यटन बोर्ड्स के साथ समझौता ज्ञापन यानी एमओयू भी साइन किया जाएगा. जिसके अंतर्गत राज्य में पर्यटन के विकास के लिए नीतिगत दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य पर्यटन सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा.