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जन आधार कार्ड से राशन कार्ड की मैपिंग में खुलासा, 27 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी ले रहे राशन का सस्ता गेंहू, अब होगी वसूली

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Published : Mar 31, 2022, 8:38 PM IST

प्रदेश में जन आधार कार्ड से राशन कार्ड की मैपिंग का अभियान चलाया जा रहा (Mapping of Jan Aadhaar card to ration card in Rajasthan) है. मैपिंग के दौरान खुलासा हुआ है कि 27 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के तहत राशन का सस्ता गेंहू ले रहे हैं. सरकार अब इन कर्मचारियों से नियमानुसार वसूली करेगा.

government employees illegally taking advantage of NFSA
सरकारी कर्मचारी ले रहे राशन का सस्ता गेंहू

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद जन आधार कार्ड से राशन कार्ड की मैपिंग का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 27 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी अवैध तरीके से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) का लाभ ले रहे (Government employees illegally taking advantage of NFSA) हैं. अब विभाग इन सरकारी कर्मचारियों से नियमानुसार वसूली करेगा.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव नवीन जैन गुरुवार को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सभी लाभ जन आधार कार्ड से देने की घोषणा की थी. इसी के तहत राजस्थान जन आधार प्राधिकरण, आयोजना विभाग तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग एनएफएसए राशन कार्डधारी सदस्यों की जन आधार से मैपिंग का जुलाई से एक सघन अभियान चलाया जा रहा है. नवीन जैन ने बताया कि मैपिंग अभियान के दौरान राशन कार्ड डेटा का राजस्थान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं (आरजीएचएस) में नामांकित परिवार के सदस्यों से मिलान करने पर पाया गया कि 27 हजार 911 सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो अवैध तरीके से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेकर सस्ता गेहूं प्राप्त कर रहे हैं.

पढ़ें: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में 'खेल' : गरीबों का राशन खा गए 'बाबू', 20 के खिलाफ FIR...402 को नोटिस

इन सरकारी कार्मिकों में अधिकांश परिवार केवल एक, दो, तीन या चार सदस्यीय हैं. ये सरकारी कार्मिक जानबूझकर राशन के सस्ते गेहूं का लाभ ले रहे थे. इनमें सर्वाधिक 7 हजार परिवार चार सदस्यों के हैं और 5 हजार परिवार 5 सदस्यों के हैं. ज्यादातर परिवार ऐसे भी हैं जिन्होंने हाल ही में मार्च 2022 का भी राशन का सस्ता गेंहू प्राप्त किया है. जैन ने बताया कि इन सरकारी कार्मिकों में सर्वाधिक 3 हजार 379 परिवार जयपुर जिले के हैं. 3 हजार 200 से अधिक परिवार अलवर जिले के हैं. लगभग 15 हजार कार्मिक 7 जिलों जयपुर, अलवर, उदयपुर, बांसवाडा, कोटा, जोधपुर और डूंगरपुर से हैं. इन चिन्हित 27 हजार 911 सरकारी कार्मिकों से 27 रुपए प्रति किलोग्राम गेंहू के हिसाब से वसूली कर राशि राजकोष में जमा कराई जाएगी.

पढ़ें: NFSA का लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियों से होगी वसूली, रिकवरी जमा न करने पर होगी FIR

इन सरकारी कार्मिकों के परिवारों के राशनकार्डों को तुरन्त प्रभाव से ब्लॉक किया जा रहा है. वसूली के बाद इन राशनकार्डों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हटा दिया जाएगा. इससे पहले भी विभाग 83 हजार 130 राजकीय कर्मचारियों को चिन्हित कर चुका है, जो खाद्य सुरक्षा योजना का अनुचित लाभ ले रहे थे. इनमें से 65 हजार 499 कार्मिकों से 80.50 करोड़ की वसूली अब तक की जा चुकी है. पूर्व में उदयपुर संभाग में सर्वाधिक वसूली की गई थी. बता दें कि इस अभियान के तहत राज्य के लगभग सभी राशनकार्डधारी परिवारों की जन आधार से मैपिंग पूर्ण हो चुकी है. अभियान के तहत एक करोड़ से भी अधिक त्रुटियां सुधारने का काम विभाग ने किया है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद जन आधार कार्ड से राशन कार्ड की मैपिंग का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 27 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी अवैध तरीके से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) का लाभ ले रहे (Government employees illegally taking advantage of NFSA) हैं. अब विभाग इन सरकारी कर्मचारियों से नियमानुसार वसूली करेगा.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव नवीन जैन गुरुवार को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सभी लाभ जन आधार कार्ड से देने की घोषणा की थी. इसी के तहत राजस्थान जन आधार प्राधिकरण, आयोजना विभाग तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग एनएफएसए राशन कार्डधारी सदस्यों की जन आधार से मैपिंग का जुलाई से एक सघन अभियान चलाया जा रहा है. नवीन जैन ने बताया कि मैपिंग अभियान के दौरान राशन कार्ड डेटा का राजस्थान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं (आरजीएचएस) में नामांकित परिवार के सदस्यों से मिलान करने पर पाया गया कि 27 हजार 911 सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो अवैध तरीके से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेकर सस्ता गेहूं प्राप्त कर रहे हैं.

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इन सरकारी कार्मिकों में अधिकांश परिवार केवल एक, दो, तीन या चार सदस्यीय हैं. ये सरकारी कार्मिक जानबूझकर राशन के सस्ते गेहूं का लाभ ले रहे थे. इनमें सर्वाधिक 7 हजार परिवार चार सदस्यों के हैं और 5 हजार परिवार 5 सदस्यों के हैं. ज्यादातर परिवार ऐसे भी हैं जिन्होंने हाल ही में मार्च 2022 का भी राशन का सस्ता गेंहू प्राप्त किया है. जैन ने बताया कि इन सरकारी कार्मिकों में सर्वाधिक 3 हजार 379 परिवार जयपुर जिले के हैं. 3 हजार 200 से अधिक परिवार अलवर जिले के हैं. लगभग 15 हजार कार्मिक 7 जिलों जयपुर, अलवर, उदयपुर, बांसवाडा, कोटा, जोधपुर और डूंगरपुर से हैं. इन चिन्हित 27 हजार 911 सरकारी कार्मिकों से 27 रुपए प्रति किलोग्राम गेंहू के हिसाब से वसूली कर राशि राजकोष में जमा कराई जाएगी.

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इन सरकारी कार्मिकों के परिवारों के राशनकार्डों को तुरन्त प्रभाव से ब्लॉक किया जा रहा है. वसूली के बाद इन राशनकार्डों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हटा दिया जाएगा. इससे पहले भी विभाग 83 हजार 130 राजकीय कर्मचारियों को चिन्हित कर चुका है, जो खाद्य सुरक्षा योजना का अनुचित लाभ ले रहे थे. इनमें से 65 हजार 499 कार्मिकों से 80.50 करोड़ की वसूली अब तक की जा चुकी है. पूर्व में उदयपुर संभाग में सर्वाधिक वसूली की गई थी. बता दें कि इस अभियान के तहत राज्य के लगभग सभी राशनकार्डधारी परिवारों की जन आधार से मैपिंग पूर्ण हो चुकी है. अभियान के तहत एक करोड़ से भी अधिक त्रुटियां सुधारने का काम विभाग ने किया है.

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