जयपुर. राज्य सरकार लगातार किसानों को लाभ देने के लिए उनसे गेहूं खरीद रही है. राज्य सरकार ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अब तक लॉकडाउन के बावजूद 73 दिनों में 21 लाख 61 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है. कोरोना काल में हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भरतपुर, बांसवाड़ा और सवाई माधोपुर जिले में किसानों को अधिक राहत पहुंचाई गई है और इन जिलों में रसद विभाग ने गेहूं की अधिक खरीद की है.
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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि कम समय के बावजूद प्रदेश के 2 लाख 12 हजार किसानों से 4160 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा गया है. उन्होंने बताया कि पिछले साल प्रतिदिन औसत गेहूं की खरीद 13187 मीट्रिक टन थी, जो इस साल बढ़कर 29605 मीट्रिक टन हो चुकी है. खाद्य विभाग ने प्रदेश में 456 क्रय केंद्र स्थापित किए हैं.
वहीं, रसद विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि हनुमानगढ़ में 6 लाख 42 हजार 344, श्रीगंगानगर में 6 लाख 71 हजार 936, कोटा में 2 लाख 37 हजार 722, बारां में 86 हजार 70, बूंदी में 2 लाख 29 हजार 78, झालावाड़ में 59 हजार 10, बांसवाड़ा में 26 हजार 120, चित्तौड़गढ़ में 42 हजार 324 और अलवर में 21 हजार 630 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है.
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सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि लॉकडाउन में संसाधन और मजदूरों की कमी के बावजूद लाभार्थियों तक गेहूं पहुंचाने में रसद विभाग ने बहुत मेहनत की है. लोगों को सामान्य आवंटन, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन पहुंचाया गया. हालांकि, इस दौरान राशन की दुकानों पर गेहूं समय पर नहीं पहुंचने पर लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2020-21 के तहत गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये घोषित किया है. इस साल प्रदेश में 17 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जानी थी. लेकिन. अब ये लक्ष्य बढ़ाकर 21.77 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है.