जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को संस्कृति युवा संस्था की ओर से आयोजित (Rajasthan Gaurav Adornment ceremony) राजस्थान गौरव अलंकरण समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होने प्रबुद्ध जनों और सम्मानित प्रतिभाओं से पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण से युवा पीढ़ी को बचाकर भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने के लिए पहल करने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि युवाओं में राष्ट्रबोध जाग्रत करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे.
राजस्थान गौरव अलंकरण समारोह में राज्यपाल ने कहा कि संस्कृति वास्तव में समाज के सूक्ष्म संस्कार हैं जो अतीत और भविष्य के बीच सेतु का कार्य करती है. भारतीय संस्कृति केवल अपने लिए नहीं बल्कि सभी की कल्याण की सोच रखकर जीवन जीने की प्रेरणा देती है, इसीलिए भारतीय संस्कृति विश्व संस्कृति की जननी कही जाती है. राज्यपाल ने कहा कि प्रतिभा स्वतः स्फूर्त होती है. वह किसी बाधा, कठिनाई से कुंठित नहीं होती और क्षेत्र, समाज और भौगोलिक सीमाओं से परे जाकर अपना स्थान बनाती हैं. राजस्थान गौरव से सम्मानित प्रतिभाओं को बधाई देते हुए कहा कि जिस समाज में प्रतिभाओं का सम्मान होता है, वहां सकारात्मक कार्यों को करने के लिए बड़े स्तर पर वातावरण तैयार होता है.
राज्यपाल मिश्र ने समारोह में भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी प्रसन्न कुमार खमेसरा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजन विशाल, वैभव गालरिया, उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि एवं साहित्यकार डॉ. राजेश कुमार व्यास, शिक्षाविद् प्रो. ए.के. गहलोत सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाली विभूतियों को सम्मानित किया.
संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कहा कि संस्था गत 27 वर्ष से साहित्य, संगीत, कला, व्यवसाय, प्रशासन, पत्रकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी राजस्थान और देश की प्रतिभाओं को प्रतिवर्ष सम्मानित करने का कार्य कर रही है. संस्था के संरक्षक एच.सी. गणेशिया ने कहा कि आगामी 13 मार्च को संस्था कि ओर से जयपुर मैराथन का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.