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जयपुर: सांपों को बचाने के लिए वन विभाग की पहल, वनकर्मियों को दी गई स्नेक रेस्क्यू ट्रेनिंग

राजस्थान वन विभाग सांपों की प्रजातियों को बचाने की दिशा में कई अहम कदम उठाने जा रहा है. वन विभाग ने आमजन को सांपों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रोग्राम चलाएगा तो वहीं अपने कर्मचारियों को लगातार स्नेक रेस्क्यू ट्रेनिंग दे रहा है.

Snack rescue training,  Snack rescue training in rajasthan
वन विभाग की सांपों को बचाने की मुहिम
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Published : Oct 18, 2020, 9:38 PM IST

जयपुर. सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए वन विभाग ने एक पहल शुरू की है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी की पहल पर सांपों को बचाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है. सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए वन विभाग आमजन को भी जागरूक करेगा. राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां महिला वन रक्षकों को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया गया. जीवी रेड्डी ने बताया कि वन विभाग हर जिले, तहसील स्तर पर सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए स्नेक रेस्क्यूलर तैयार करेगा. दो-तीन महीने में करीब 300 से 400 कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी.

वन विभाग की सांपों को बचाने की मुहिम

जीवी रेड्डी ने बताया कि इस पहल से सांपों को बचाकर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलेगी. हाल ही में वन विभाग ने सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए 5 महिला फ्रंटलाइन कर्मचारी, फॉरेस्ट गार्ड, सहायक फॉरेस्ट गार्ड और फॉरेस्टर को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया है. ये महिला वनरक्षक 4 जिलों में स्नेक रेस्क्यू करने का ही काम करेंगी. इसके लिए वन विभाग ने प्रमाण पत्र देखकर स्नेक रेस्क्यू करने की अनुमति दी है.

पढ़ें: करौली: सपोटरा के बाद टोडाभीम में पुजारी को जमीन के लिए परेशान करने का मामला आया सामने

वन विभाग सांपों के प्रति लोगों को करेगा जागरूक

जीवी रेड्डी ने कहा कि सांपों की प्रजातियों को बचाना बहुत आवश्यक है. क्योंकि यह भी वन्यजीव एक्ट में आते हैं. इसके लिए मार्च और अप्रैल में वन विभाग अन्य कर्मचारियों को भी स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है. इस दौरान सर्दियों में सांप सुस्त अवस्था में रहता है. इसलिए सांप अधिकतर बिलों में ही रहते हैं. ज्यादातर सांप मानसून के समय ही बाहर आते हैं. क्योंकि बारिश का पानी बिलों में भर जाता है और सांप बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में जब लोग सांपों को देखते हैं तो उन्हें मार देते हैं. इसीलिए वन विभाग स्नेक रेस्क्यू चलाएगा, जिससे की लोग सांपों को मारे ना बल्कि उनका रेस्क्यू करके उनको सुरक्षित छोड़ दें.

सांपों को रेस्क्यू करने के लिए वन कर्मियों को रक्षा फाउंडेशन में ट्रेनिंग करवाई जाएगी. वन विभाग की ओर से सांपों को मारने से बचाने के लिए लोगों जागरूक किया जाएगा. जीवी रेड्डी ने बताया कि सांपों को लेकर लोगों में भयभीत करने वाली भ्रांतियां बनी हुई हैं, उसे दूर करने के लिए वन विभाग लोगों को जागरूक करेगा. सांप बहुत छोटा वन्यजीव होता है और इसके आबादी क्षेत्र में आने व मारने की सूचना वन विभाग तक नहीं पहुंच पाती है. जब तक सूचना पहुंचती है लोग सांप को मार देते हैं.

पढ़ें: जालोर: पहाड़ियों में गंभीर रूप से जख्मी हालत में मिलीं दो युवतियां

सांपों को बचाने के लिए बनाए जाएंगे मुखबीर

वन विभाग सांपों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक तो करेगा ही साथ ही मुखबीर भी बनाए जाएंगे. ये मुखबीर आबादी क्षेत्र में या किसी के घर में सांप के आने की सूचना मिलते ही वन विभाग को सूचित करेंगे. जिससे समय रहते हुए सांप को बचाया जा सके. सांप प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक हैं. वन विभाग के शेड्यूल प्रथम में सांप की प्रजाति आती है. यदि सांप की किसी भी प्रजाति को कोई भी व्यक्ति मारता है या नुकसान पहुंचाता है तो उसके लिए वन एक्ट में सजा का प्रावधान है.

रक्षा फाउंडेशन दे रहा है स्नेक रेस्क्यू ट्रेनिंग

जयपुर रक्षा फाउंडेशन की मदद से वन रक्षकों को सांपों के रेस्क्यू करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. हाल ही में रक्षा फाउंडेशन ने 5 महिलाओं को सांपों का रेस्क्यू करने की 8 दिवसीय ट्रेनिंग दी थी. इनमें से पांच महिला वन रक्षकों द्वारा 4 जिलों में सांपों को रेस्क्यू कर बचाने का काम किया जाएगा. वन विभाग की यह पहली पांच महिलाएं स्नेक रेस्क्यूलर बनी हैं. हाल ही में इन 5 महिलाओं को प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी ने प्रमाण पत्र और रक्षा फाउंडेशन की ओर से स्नेक संसाधन देकर सम्मानित भी किया.

जयपुर. सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए वन विभाग ने एक पहल शुरू की है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी की पहल पर सांपों को बचाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है. सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए वन विभाग आमजन को भी जागरूक करेगा. राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां महिला वन रक्षकों को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया गया. जीवी रेड्डी ने बताया कि वन विभाग हर जिले, तहसील स्तर पर सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए स्नेक रेस्क्यूलर तैयार करेगा. दो-तीन महीने में करीब 300 से 400 कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी.

वन विभाग की सांपों को बचाने की मुहिम

जीवी रेड्डी ने बताया कि इस पहल से सांपों को बचाकर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलेगी. हाल ही में वन विभाग ने सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए 5 महिला फ्रंटलाइन कर्मचारी, फॉरेस्ट गार्ड, सहायक फॉरेस्ट गार्ड और फॉरेस्टर को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया है. ये महिला वनरक्षक 4 जिलों में स्नेक रेस्क्यू करने का ही काम करेंगी. इसके लिए वन विभाग ने प्रमाण पत्र देखकर स्नेक रेस्क्यू करने की अनुमति दी है.

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वन विभाग सांपों के प्रति लोगों को करेगा जागरूक

जीवी रेड्डी ने कहा कि सांपों की प्रजातियों को बचाना बहुत आवश्यक है. क्योंकि यह भी वन्यजीव एक्ट में आते हैं. इसके लिए मार्च और अप्रैल में वन विभाग अन्य कर्मचारियों को भी स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है. इस दौरान सर्दियों में सांप सुस्त अवस्था में रहता है. इसलिए सांप अधिकतर बिलों में ही रहते हैं. ज्यादातर सांप मानसून के समय ही बाहर आते हैं. क्योंकि बारिश का पानी बिलों में भर जाता है और सांप बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में जब लोग सांपों को देखते हैं तो उन्हें मार देते हैं. इसीलिए वन विभाग स्नेक रेस्क्यू चलाएगा, जिससे की लोग सांपों को मारे ना बल्कि उनका रेस्क्यू करके उनको सुरक्षित छोड़ दें.

सांपों को रेस्क्यू करने के लिए वन कर्मियों को रक्षा फाउंडेशन में ट्रेनिंग करवाई जाएगी. वन विभाग की ओर से सांपों को मारने से बचाने के लिए लोगों जागरूक किया जाएगा. जीवी रेड्डी ने बताया कि सांपों को लेकर लोगों में भयभीत करने वाली भ्रांतियां बनी हुई हैं, उसे दूर करने के लिए वन विभाग लोगों को जागरूक करेगा. सांप बहुत छोटा वन्यजीव होता है और इसके आबादी क्षेत्र में आने व मारने की सूचना वन विभाग तक नहीं पहुंच पाती है. जब तक सूचना पहुंचती है लोग सांप को मार देते हैं.

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सांपों को बचाने के लिए बनाए जाएंगे मुखबीर

वन विभाग सांपों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक तो करेगा ही साथ ही मुखबीर भी बनाए जाएंगे. ये मुखबीर आबादी क्षेत्र में या किसी के घर में सांप के आने की सूचना मिलते ही वन विभाग को सूचित करेंगे. जिससे समय रहते हुए सांप को बचाया जा सके. सांप प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक हैं. वन विभाग के शेड्यूल प्रथम में सांप की प्रजाति आती है. यदि सांप की किसी भी प्रजाति को कोई भी व्यक्ति मारता है या नुकसान पहुंचाता है तो उसके लिए वन एक्ट में सजा का प्रावधान है.

रक्षा फाउंडेशन दे रहा है स्नेक रेस्क्यू ट्रेनिंग

जयपुर रक्षा फाउंडेशन की मदद से वन रक्षकों को सांपों के रेस्क्यू करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. हाल ही में रक्षा फाउंडेशन ने 5 महिलाओं को सांपों का रेस्क्यू करने की 8 दिवसीय ट्रेनिंग दी थी. इनमें से पांच महिला वन रक्षकों द्वारा 4 जिलों में सांपों को रेस्क्यू कर बचाने का काम किया जाएगा. वन विभाग की यह पहली पांच महिलाएं स्नेक रेस्क्यूलर बनी हैं. हाल ही में इन 5 महिलाओं को प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी ने प्रमाण पत्र और रक्षा फाउंडेशन की ओर से स्नेक संसाधन देकर सम्मानित भी किया.

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