जयपुर. अब सरकारी राशन की पीडीएस दुकानों पर भी नॉन पीडीएस सामान मिल सकेगा. यह जानकारी प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने दी. जिसमें उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि प्रदेश में खाद्य वस्तु निर्माताओं के ऑनलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं. जिससे राशन की कालाबाजारी और जमाखोरी पर लगाम लगेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा के समय गेहूं की कमी न हो, इसके लिए अतिरिक्त गेहूं की खरीद की जाएगी.
प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में राशन की कालाबाजारी और जमाखोरी ना हो, इसकी मॉनिटरिंग खाद्य विभाग पूरी तरीके से कर रहा है. इसके साथ ही प्रदेश की 13 हजार 562 दुकानों, 1 हजार 574 होलसेल की दुकानों और 577 खाद्य वस्तुओं के निर्माताओं के नंबर ऑनलाइन जारी कर दिए गए हैं. इन दुकानों पर राशन का सामान सरकारी तय रेट पर मिलेगा. वहां से उपभोक्ता सीधे सामान ले सकता है.
वहीं प्रदेश की जो सरकारी राशन की दुकानें हैं, उन पर भी अब नॉन पीडीएस सामान (दाल, नमक, तेल इत्यादि) बेचा जा सकेगा. इसके आदेश भी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जारी कर दिए हैं. मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि जो शिकायतें उनको मिल रही है, उस पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत प्रदेश में अब तक 32 सौ से ज्यादा जांच की गई है. जिसमें 350 प्रकरण दर्ज करके 13 लाख 72 हजार की राशि वसूल की गई है.
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खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पहले जहां सरकारें गेहूं उठाने में समय लगा देती थी. अब की बार प्रदेश सरकार ने इस आपदा के समय में 10 दिन में पूरा गेहूं उठा लिया है. साथ ही अप्रैल और मई महीने का गेहूं वितरित कर दिया गया है. इसके साथ ही मई महीने में भी 10 किलो गेहूं दी जाएगी. जिसमें 5 किलो केंद्र सरकार का और 5 किलो राज्य सरकार का होगा. उसका भी वितरण किया जाएगा. जिसके साथ 1 किलो दाल भी दी जाएगी.
राज्य सरकार अतिरिक्त गेहूं की खरीद करेगी
रमेश मीणा ने कहा कि वे लगातार इस बात को उठा रहे हैं कि केंद्र सरकार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 2.32 लाख मैट्रिक टन गेहूं प्रदेश को उपलब्ध करवाती है. जो 2011 की जनगणना के अनुसार है. जबकि अब जनसंख्या भी बढ़ चुकी है और राजस्थान में 50 लाख लोग NFSA में जुड़ चुके हैं.
ऐसे में केंद्र सरकार से इस बारे में बात की गई है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान से भी कहा गया है लेकिन अब तक सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला है. ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने यह तय किया है कि वह अतिरिक्त गेहूं की खरीद करेगी. जिससे आपदा के समय में लोगों को गेहूं की कमी ना हो.