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राज्य के किसान करेंगे सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन, राजस्थान ने बनाया कीर्तिमान... - राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना कंपोनेंट-ए के अंतर्गत प्रदेश के 623 किसानों को 722 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए आवंटन पत्र जारी करने का निर्णय किया गया है.

electricity produce from solar energy, farmers will produce electricity
सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान आगे
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Published : Jul 8, 2020, 7:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में लगातार अग्रणी राज्य बना हुआ है. इसी क्रम में अब और महत्वपूर्ण कड़ी जोड़ते हुए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना कंपोनेंट-ए के अंतर्गत प्रदेश के 623 किसानों को 722 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए आवंटन पत्र जारी करने का निर्णय किया गया है.

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष और प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की कुसुम योजना में राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों की चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली है और देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा जहां कुसुम योजना में सर्वाधिक क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित होंगे.

इस योजना के अंतर्गत किसानों की ओर से स्वयं की अनुपयोगी या बंजर भूमि पर 0.5 से 2 मेगावॉट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है. इससे किसानों को उनकी बंजर या अनुपयोगी भूमि से 25 वर्ष तक नियमित आय प्राप्त होगी. इसके साथ ही प्रदेश के किसानों को दिन के समय कृषि कार्य हेतु विद्युत आपूर्ति करने में बड़ी सफलता मिलेगी. इसके अतिरिक्त वितरण निगमों की विद्युत छीजत में और सिस्टम विस्तार पर होने वाले खर्च में भी कमी होगी.

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राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से योजना के प्रथम चरण में वितरण निगमों के 33/11 केवी सब-स्टेशनों पर किसानों से विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे. जिसके तहत राज्य के किसानों ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाते हुए कुल 674 किसानों की ओर से 815 मेगावाट क्षमता के आवेदन निगम में पंजीकृत करवाए गए. जिसमें से 623 किसानों को 722 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में संबंधित डिस्कॉम के साथ शीघ्र ही पॉवर परचेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित किए जाएंगे.

किसानों की ओर से स्थापित संयंत्रों से उत्पादित विद्युत डिस्कॉमस की ओर से 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली क्रय की जाएगी. चयनित किसानों और विकासकर्ताओं को संयंत्र स्थापित करने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में एक विशेष सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा. कोई भी चयनित किसान या विकासकर्ता इस सहायता प्रकोष्ठ से संपर्क कर अपनी समस्या का समाधान करा सकेंगे.

पढ़ें- वकील साहब...पहले अपना चाइनीज मोबाइल छोड़ो, स्पॉन्सरशिप का विरोध बाद में करना...

अजिताभ शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बजट घोषणा 2019-20 में कुल 2600 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र किसानों की भूमि पर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्य आगामी तीन वर्ष में प्राप्त करना प्रस्तावित है. कुसुम योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 722 मेगावाट के बाद शेष बची 1878 मेगावाट क्षमता स्थापना के लिए अगले चरण की कार्रवाई जल्द शुरू कर राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से निर्धारित विद्युत दर पर संयंत्र लगाने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में लगातार अग्रणी राज्य बना हुआ है. इसी क्रम में अब और महत्वपूर्ण कड़ी जोड़ते हुए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना कंपोनेंट-ए के अंतर्गत प्रदेश के 623 किसानों को 722 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए आवंटन पत्र जारी करने का निर्णय किया गया है.

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष और प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की कुसुम योजना में राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों की चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली है और देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा जहां कुसुम योजना में सर्वाधिक क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित होंगे.

इस योजना के अंतर्गत किसानों की ओर से स्वयं की अनुपयोगी या बंजर भूमि पर 0.5 से 2 मेगावॉट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है. इससे किसानों को उनकी बंजर या अनुपयोगी भूमि से 25 वर्ष तक नियमित आय प्राप्त होगी. इसके साथ ही प्रदेश के किसानों को दिन के समय कृषि कार्य हेतु विद्युत आपूर्ति करने में बड़ी सफलता मिलेगी. इसके अतिरिक्त वितरण निगमों की विद्युत छीजत में और सिस्टम विस्तार पर होने वाले खर्च में भी कमी होगी.

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राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से योजना के प्रथम चरण में वितरण निगमों के 33/11 केवी सब-स्टेशनों पर किसानों से विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे. जिसके तहत राज्य के किसानों ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाते हुए कुल 674 किसानों की ओर से 815 मेगावाट क्षमता के आवेदन निगम में पंजीकृत करवाए गए. जिसमें से 623 किसानों को 722 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में संबंधित डिस्कॉम के साथ शीघ्र ही पॉवर परचेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित किए जाएंगे.

किसानों की ओर से स्थापित संयंत्रों से उत्पादित विद्युत डिस्कॉमस की ओर से 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली क्रय की जाएगी. चयनित किसानों और विकासकर्ताओं को संयंत्र स्थापित करने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में एक विशेष सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा. कोई भी चयनित किसान या विकासकर्ता इस सहायता प्रकोष्ठ से संपर्क कर अपनी समस्या का समाधान करा सकेंगे.

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अजिताभ शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बजट घोषणा 2019-20 में कुल 2600 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र किसानों की भूमि पर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्य आगामी तीन वर्ष में प्राप्त करना प्रस्तावित है. कुसुम योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 722 मेगावाट के बाद शेष बची 1878 मेगावाट क्षमता स्थापना के लिए अगले चरण की कार्रवाई जल्द शुरू कर राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से निर्धारित विद्युत दर पर संयंत्र लगाने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे.

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