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राजस्थान उपचुनाव: परिवारवाद के सहारे नैया पार लगाने की कोशिश में कांग्रेस...वैभव गहलोत भी चर्चा में - jaipur news

राजस्थान में सुजानगढ़ से मास्टर भंवर लाल मेघवाल, सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी और राजसमंद से किरण माहेश्वरी के निधन के चलते अप्रैल या मई में राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसको लेकर कांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस इन तीनों सीटों पर परिवारवाद के सहारे चुनाव जीतने की जुगत में है.

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राजस्थान उपचुनाव
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Published : Dec 30, 2020, 5:36 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 6:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सुजानगढ़ से मास्टर भंवर लाल मेघवाल, सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी और राजसमंद से किरण माहेश्वरी के निधन के चलते अप्रैल या मई में राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इन 3 सीटों में से 2 सीटें सहाड़ा और सुजानगढ़ कांग्रेस के पास थीं तो राजसमंद की सीट भाजपा के पास. ऐसे में सत्ताधारी दल कांग्रेस तीनों उपचुनाव जीतने के लिए अभी से तैयारी में जुट चुका है.

उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी

तीनों सीटों पर अभी से प्रभारी मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है और यह प्रभारी मंत्री इन सीटों के दौरे भी शुरू कर चुके हैं. कांग्रेस पार्टी के लिए यह तीनों उपचुनाव जीतना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सत्ता में कांग्रेस है और तो 2 सीटों पर तो पहले ही काबिज थी. ऐसे में योग्य उम्मीदवारों की खोज अभी से कांग्रेस पार्टी ने शुरू कर दी है. तीनों सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं, जो इन विधानसभा सीटों के दौरे करना भी शुरू कर चुके हैं. लेकिन खास बात यह है कि इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी की ओर से परिवारवाद का ही बोलबाला रहने की संभावना है.

पढ़ें: मंत्री सालेह मोहम्मद ने किसानों से किया संवाद, कहा- कॉरपोरेट को फायदा पहुंचा रही केंद्र सरकार

सुजानगढ़ विधानसभा सीट से माना जा रहा है कि पूर्व में मंत्री रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल को ही पार्टी टिकट देने का मन बना चुकी है तो वहीं सहाड़ा विधानसभा से कैलाश त्रिवेदी के बेटे रणवीर त्रिवेदी या फिर उनके भाई पूर्व प्रधान राजेंद्र त्रिवेदी को टिकट दिया जाएगा. वहीं राजसमंद सीट जो लंबे समय से भाजपा का गढ़ मानी जाती रही है, यहां उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस पार्टी स्पीकर सीपी जोशी की ओर ही देख रही है और सीपी जोशी जिसे तय करेंगे वही इस सीट से उम्मीदवार होगा. ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का भी नाम आगे किया है.

हालांकि, अभी मुख्यमंत्री ने अपने बेटे के नाम पर रजामंदी नहीं दी है. राजसमंद की सीट लगातार भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है. लगातार तीन बार कांग्रेस यहां से चुनाव हार चुकी है. ऐसे में वैभव गहलोत अगर राजसमंद से चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस सीट को जीतने की स्थिति में भी आ सकती है.

जयपुर. राजस्थान में सुजानगढ़ से मास्टर भंवर लाल मेघवाल, सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी और राजसमंद से किरण माहेश्वरी के निधन के चलते अप्रैल या मई में राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इन 3 सीटों में से 2 सीटें सहाड़ा और सुजानगढ़ कांग्रेस के पास थीं तो राजसमंद की सीट भाजपा के पास. ऐसे में सत्ताधारी दल कांग्रेस तीनों उपचुनाव जीतने के लिए अभी से तैयारी में जुट चुका है.

उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी

तीनों सीटों पर अभी से प्रभारी मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है और यह प्रभारी मंत्री इन सीटों के दौरे भी शुरू कर चुके हैं. कांग्रेस पार्टी के लिए यह तीनों उपचुनाव जीतना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सत्ता में कांग्रेस है और तो 2 सीटों पर तो पहले ही काबिज थी. ऐसे में योग्य उम्मीदवारों की खोज अभी से कांग्रेस पार्टी ने शुरू कर दी है. तीनों सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं, जो इन विधानसभा सीटों के दौरे करना भी शुरू कर चुके हैं. लेकिन खास बात यह है कि इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी की ओर से परिवारवाद का ही बोलबाला रहने की संभावना है.

पढ़ें: मंत्री सालेह मोहम्मद ने किसानों से किया संवाद, कहा- कॉरपोरेट को फायदा पहुंचा रही केंद्र सरकार

सुजानगढ़ विधानसभा सीट से माना जा रहा है कि पूर्व में मंत्री रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल को ही पार्टी टिकट देने का मन बना चुकी है तो वहीं सहाड़ा विधानसभा से कैलाश त्रिवेदी के बेटे रणवीर त्रिवेदी या फिर उनके भाई पूर्व प्रधान राजेंद्र त्रिवेदी को टिकट दिया जाएगा. वहीं राजसमंद सीट जो लंबे समय से भाजपा का गढ़ मानी जाती रही है, यहां उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस पार्टी स्पीकर सीपी जोशी की ओर ही देख रही है और सीपी जोशी जिसे तय करेंगे वही इस सीट से उम्मीदवार होगा. ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का भी नाम आगे किया है.

हालांकि, अभी मुख्यमंत्री ने अपने बेटे के नाम पर रजामंदी नहीं दी है. राजसमंद की सीट लगातार भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है. लगातार तीन बार कांग्रेस यहां से चुनाव हार चुकी है. ऐसे में वैभव गहलोत अगर राजसमंद से चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस सीट को जीतने की स्थिति में भी आ सकती है.

Last Updated : Dec 30, 2020, 6:14 PM IST
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