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Rajasthan Congress : इन दिग्गजों की दूसरे राज्यों में अहम भूमिका, लेकिन अपने प्रदेश के प्रशिक्षण शिविर से रहे नदारद - ETV Bharat Rajasthan news

राजस्थान के कई कांग्रेस नेताओं के जिम्मे दूसरे राज्यों की चुनावी बागडोर है. जिसमें पायलट, हरीश चौधरी और रघु शर्मा सहित कई नेता शामिल हैं, लेकिन ये नेता राजस्थान के कार्यक्रम से दूर हो गए (Pilot not attended training camp) हैं.

Rajasthan Congress, Congress Training Camp
कांग्रेस प्रशिक्षण कार्यक्रम से रहे दूर
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Published : Dec 30, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Dec 30, 2021, 3:48 PM IST

जयपुर. देश के अलग-अलग राज्यों में राजस्थान के बड़े नेताओं का बोलबाला है. चुनावी राज्य पंजाब, उत्तर प्रदेश हो, उत्तराखंड हो या गुजरात, सभी राज्यों में राजस्थान के नेताओं को चुनाव की बागडोर सौंपी गई है. दूसरे राज्यों के चुनाव जिताने का जिम्मा इन नेताओं पर है, लेकिन ये राजस्थान के अहम कार्यक्रमों से नदारद रहते हैं.

आगामी 2022 में इन नेताओं के ऊपर हर किसी की नजर होगी कि यह अपने चुनावी राज्यों में क्या नतीजे देते हैं. हर चुनावी राज्य में सचिन पायलट, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा, असम के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करते (Rajasthan Congress Leader Star Campaigner) हैं. इनके अलावा उत्तराखंड के सहप्रभारी कुलदीप इंदौरा, उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी जुबेर खान और धीरज गुर्जर पर भी प्रचार की जिम्मेवारी है. ये सभी नेता देश में अलग-अलग राज्यों की कमान प्रभारी और सह प्रभारी के तौर पर या स्टार प्रचारक के तौर पर संभाल रहे हैं. लेकिन अपने राज्य राजस्थान में उनकी दूरी बन गई है (leaders not attended Congress Training Camp).

कांग्रेस प्रशिक्षण कार्यक्रम से रहे दूर

यह भी पढ़ें. Rajasthan Congress Challenges Ahead: खत्म नहीं हुई चुनौतियां, गुटबाजी और संगठन विस्तार पर रखनी होगी पैनी नजर

राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को जब प्रशिक्षण दिया गया. उस प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही दिल्ली के नेता प्रदेश के नेताओं को प्रशिक्षण देने पहुंचे लेकिन खुद राजस्थान के राष्ट्रीय नेता जो अन्य राज्यों में चुनाव जिताने की रणनीति भी बना रहे हैं, वह नेता इन प्रशिक्षण शिविरों से दूर ही रहे.

सचिन पायलट प्रशिक्षण शिविर के दिन राजस्थान में होकर भी इस प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं हुए. मतलब साफ है कि जो नेता दूसरे राज्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं, वह अपने राज्य में प्रमुख कार्यक्रमों से नदारद हैं. अब इन नेताओं के प्रशिक्षण शिविर में नहीं आने का कारण समय की कमी हो है या फिर इन नेताओं को इन प्रशिक्षण शिविर में आने का न्योता नहीं दिया जाना लेकिन यह सही है कि राजस्थान के आधा दर्जन राष्ट्रीय नेता राजस्थान के ही कार्यक्रमों से दूर हो गए हैं.

जयपुर. देश के अलग-अलग राज्यों में राजस्थान के बड़े नेताओं का बोलबाला है. चुनावी राज्य पंजाब, उत्तर प्रदेश हो, उत्तराखंड हो या गुजरात, सभी राज्यों में राजस्थान के नेताओं को चुनाव की बागडोर सौंपी गई है. दूसरे राज्यों के चुनाव जिताने का जिम्मा इन नेताओं पर है, लेकिन ये राजस्थान के अहम कार्यक्रमों से नदारद रहते हैं.

आगामी 2022 में इन नेताओं के ऊपर हर किसी की नजर होगी कि यह अपने चुनावी राज्यों में क्या नतीजे देते हैं. हर चुनावी राज्य में सचिन पायलट, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा, असम के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करते (Rajasthan Congress Leader Star Campaigner) हैं. इनके अलावा उत्तराखंड के सहप्रभारी कुलदीप इंदौरा, उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी जुबेर खान और धीरज गुर्जर पर भी प्रचार की जिम्मेवारी है. ये सभी नेता देश में अलग-अलग राज्यों की कमान प्रभारी और सह प्रभारी के तौर पर या स्टार प्रचारक के तौर पर संभाल रहे हैं. लेकिन अपने राज्य राजस्थान में उनकी दूरी बन गई है (leaders not attended Congress Training Camp).

कांग्रेस प्रशिक्षण कार्यक्रम से रहे दूर

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को जब प्रशिक्षण दिया गया. उस प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही दिल्ली के नेता प्रदेश के नेताओं को प्रशिक्षण देने पहुंचे लेकिन खुद राजस्थान के राष्ट्रीय नेता जो अन्य राज्यों में चुनाव जिताने की रणनीति भी बना रहे हैं, वह नेता इन प्रशिक्षण शिविरों से दूर ही रहे.

सचिन पायलट प्रशिक्षण शिविर के दिन राजस्थान में होकर भी इस प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं हुए. मतलब साफ है कि जो नेता दूसरे राज्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं, वह अपने राज्य में प्रमुख कार्यक्रमों से नदारद हैं. अब इन नेताओं के प्रशिक्षण शिविर में नहीं आने का कारण समय की कमी हो है या फिर इन नेताओं को इन प्रशिक्षण शिविर में आने का न्योता नहीं दिया जाना लेकिन यह सही है कि राजस्थान के आधा दर्जन राष्ट्रीय नेता राजस्थान के ही कार्यक्रमों से दूर हो गए हैं.

Last Updated : Dec 30, 2021, 3:48 PM IST
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