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फोन टैपिंग मामले में सरकार का आया जवाब, जोरदार हंगामे के बाद दो बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही - राजेंद्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को फोन टैपिंग मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मोर्चा संभाला तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से ना केवल जवाब दिया, बल्कि इस दौरान केंद्र की पीएम मोदी सरकार और अमित शाह के साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर जुबानी हमला बोला.

राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही, Rajasthan Legislative Assembly Proceedings
राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही
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Published : Mar 17, 2021, 5:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को फोन टैपिंग मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. बहस के दौरान दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक तरीका अपनाते हुए तीखे आरोप लगाए. भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मोर्चा संभाला तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से ना केवल जवाब दिया बल्कि इस दौरान केंद्र की पीएम मोदी सरकार और अमित शाह के साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर जुबानी हमला बोला.

सदन में बोले राजेंद्र राठौड़

भाजपा ने उठाई फोन टैपिंग के सीबीआई जांच की मांग

फोन टैपिंग पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार को घेरते हुए फोन टैपिंग को नियम विरुद्ध भी करार दिया और साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी रखी. गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन सर्विलांस पर लेने और टैप कराने का आरोप भी लगाया. उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूर्व में भी यह बात सामने आई है कि फोन टैपिंग की रिकॉर्डिंग को मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से वायरल किया गया, जो बताता है कि इस षड्यंत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय भी शामिल है. इस दौरान राठौड़ ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का प्रस्ताव भी सदन में रखा.

सदन में बोले राजेंद्र राठौड़

यह भी पढ़ेंः फोन टैपिंग मामला : मैं रख चुका हूं अपनी बात...बीजेपी का आपसी झगड़ा और वर्चस्व की लड़ाई है- CM गहलोत

मोदी सरकार ने 90 हजार कराए फोन टैप : शांति धारीवाल

सदन में जवाब देते शांति धारीवाल

सरकार की ओर से जवाब दे रहे मंत्री शांति धारीवाल ने अपने संबोधन के दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर भी तीखा कटाक्ष किया. धारीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने 90 हजार फोन टैप करवाए और इस दौरान धारीवाल ने अपने हाथ में एक कागज भी लहराया कि ऐसे आरोप केंद्र सरकार पर हैं. हालांकि, धारीवाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लेने के साथ ही सदन में हंगामा शुरू हो गया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित सभी भाजपा विधायक वेल में आकर विरोध करने लगे. शोर शराबा बढ़ता देख स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. हालांकि, आधे घंटे बाद जब वापस कार्रवाई शुरू हुई तो फिर सदन में हंगामा बरपा जिस पर दूसरी बार सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर सीपी जोशी की पहल पर सदन का यह गतिरोध टूटा और अनुदान मांगों पर बहस शुरू हो पाई.

धारीवाल ने कहा- फोन टैपिंग साबित करें तो हम सब दे देंगे इस्तीफा

बहस के दौरान सत्तापक्ष की ओर से अकेले अपने दम पर संसदीय कार्य मंत्री ने पूरा मोर्चा संभाला. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने भाजपा विधायकों के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और यह भी कहा कि अगर सरकार की ओर से फोन टैप की सत्यता साबित हुई है तो मुख्यमंत्री ही नहीं, मैं और हम सभी इस्तीफा दे देंगे, लेकिन पहले यह साबित तो करें.

यह भी पढ़ेंः Special : दो बार आवेदन और तीन बार आंदोलन, फिर भी तबादले नहीं...शिक्षक-सरकार में खींची तलवार

धारीवाल ने अपने संबोधन के दौरान इस बात को बार-बार दोहराया कि इस पूरे प्रकरण में शामिल केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आखिर अब तक अपनी वॉइस सिंपल क्यों नहीं दिए? अगर वह वॉयस सैंपल दे दें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. धारीवाल ने यह भी कहा कि टेलीग्राफी एक्ट के तहत सरकार के पास एक एजेंसी है जो फोन इंटरसेप्ट करने के लिए अधिकृत है. धारीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार में जो भी कुछ काम होते हैं, वह सब नियम कानून के तहत ही होते हैं, लेकिन भाजपा के साथी बिना बात के मुद्दे उठाकर सदन का समय जाया करते हैं.

लोकेश शर्मा ने कोई गुनाह नहीं किया -धारीवाल

गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर फोन टैपिंग होने के आरोप और इसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा की भूमिका को लेकर उठाए गए सवालों के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि लोकेश शर्मा ने क्या गुनाह कर दिया?

आपातकाल लगाने वाली पार्टी आप ही की है : सतीश पूनिया

सदन में बोले सतीश पूनिया

बहस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाली पार्टी आप की है, जिन्होंने देश में अनुच्छेद 356 का 100 से भी अधिक बार दुरुपयोग किया. सतीश पूनिया ने कहा कि साल 1988 में कर्नाटक की रामकृष्ण हेगड़े सरकार पर भी इसी प्रकार का आरोप लगा था और सरकार को जाना पड़ा. वहीं, साल 2010 में प्रकाश करात और बिहार सरकार में भी मामले आए तो वहीं साल 2019 में येदुरप्पा सरकार के दौरान भी ऐसे ही आरोप लगे और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई.

यह भी पढ़ेंः लोकसभा में भी गूंजा फोन टैपिंग का मुद्दा, चित्तौड़गढ़ सांसद बोले- CM गहलोत को दे देना चाहिए पद से इस्तीफा

सतीश पूनिया ने कहा कि अगर यह फोन टैपिंग हुई तो क्या एसीएस स्तर के अधिकारी की स्वीकृति से हुई या फिर किसी अन्य इशारे पर हुई और क्या यह टैप फैब्रिकेटेड है, उसकी जांच में क्या रहा, क्या यह निजता पर हमला नहीं है. सतीश पूनिया ने यह भी पूछा कि जो मामला जुलाई 2017 में अशोक नगर थाने में दर्ज कराया गया था, उस मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने खुद को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अपने संबोधन के दौरान सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी के साथ ही मुख्यमंत्री और ओएसडी को लेकर भी कई आरोप लगाए. साथ ही यह भी कहा कि सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को फोन टैपिंग मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. बहस के दौरान दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक तरीका अपनाते हुए तीखे आरोप लगाए. भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मोर्चा संभाला तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से ना केवल जवाब दिया बल्कि इस दौरान केंद्र की पीएम मोदी सरकार और अमित शाह के साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर जुबानी हमला बोला.

सदन में बोले राजेंद्र राठौड़

भाजपा ने उठाई फोन टैपिंग के सीबीआई जांच की मांग

फोन टैपिंग पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार को घेरते हुए फोन टैपिंग को नियम विरुद्ध भी करार दिया और साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी रखी. गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन सर्विलांस पर लेने और टैप कराने का आरोप भी लगाया. उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूर्व में भी यह बात सामने आई है कि फोन टैपिंग की रिकॉर्डिंग को मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से वायरल किया गया, जो बताता है कि इस षड्यंत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय भी शामिल है. इस दौरान राठौड़ ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का प्रस्ताव भी सदन में रखा.

सदन में बोले राजेंद्र राठौड़

यह भी पढ़ेंः फोन टैपिंग मामला : मैं रख चुका हूं अपनी बात...बीजेपी का आपसी झगड़ा और वर्चस्व की लड़ाई है- CM गहलोत

मोदी सरकार ने 90 हजार कराए फोन टैप : शांति धारीवाल

सदन में जवाब देते शांति धारीवाल

सरकार की ओर से जवाब दे रहे मंत्री शांति धारीवाल ने अपने संबोधन के दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर भी तीखा कटाक्ष किया. धारीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने 90 हजार फोन टैप करवाए और इस दौरान धारीवाल ने अपने हाथ में एक कागज भी लहराया कि ऐसे आरोप केंद्र सरकार पर हैं. हालांकि, धारीवाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लेने के साथ ही सदन में हंगामा शुरू हो गया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित सभी भाजपा विधायक वेल में आकर विरोध करने लगे. शोर शराबा बढ़ता देख स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. हालांकि, आधे घंटे बाद जब वापस कार्रवाई शुरू हुई तो फिर सदन में हंगामा बरपा जिस पर दूसरी बार सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर सीपी जोशी की पहल पर सदन का यह गतिरोध टूटा और अनुदान मांगों पर बहस शुरू हो पाई.

धारीवाल ने कहा- फोन टैपिंग साबित करें तो हम सब दे देंगे इस्तीफा

बहस के दौरान सत्तापक्ष की ओर से अकेले अपने दम पर संसदीय कार्य मंत्री ने पूरा मोर्चा संभाला. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने भाजपा विधायकों के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और यह भी कहा कि अगर सरकार की ओर से फोन टैप की सत्यता साबित हुई है तो मुख्यमंत्री ही नहीं, मैं और हम सभी इस्तीफा दे देंगे, लेकिन पहले यह साबित तो करें.

यह भी पढ़ेंः Special : दो बार आवेदन और तीन बार आंदोलन, फिर भी तबादले नहीं...शिक्षक-सरकार में खींची तलवार

धारीवाल ने अपने संबोधन के दौरान इस बात को बार-बार दोहराया कि इस पूरे प्रकरण में शामिल केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आखिर अब तक अपनी वॉइस सिंपल क्यों नहीं दिए? अगर वह वॉयस सैंपल दे दें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. धारीवाल ने यह भी कहा कि टेलीग्राफी एक्ट के तहत सरकार के पास एक एजेंसी है जो फोन इंटरसेप्ट करने के लिए अधिकृत है. धारीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार में जो भी कुछ काम होते हैं, वह सब नियम कानून के तहत ही होते हैं, लेकिन भाजपा के साथी बिना बात के मुद्दे उठाकर सदन का समय जाया करते हैं.

लोकेश शर्मा ने कोई गुनाह नहीं किया -धारीवाल

गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर फोन टैपिंग होने के आरोप और इसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा की भूमिका को लेकर उठाए गए सवालों के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि लोकेश शर्मा ने क्या गुनाह कर दिया?

आपातकाल लगाने वाली पार्टी आप ही की है : सतीश पूनिया

सदन में बोले सतीश पूनिया

बहस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाली पार्टी आप की है, जिन्होंने देश में अनुच्छेद 356 का 100 से भी अधिक बार दुरुपयोग किया. सतीश पूनिया ने कहा कि साल 1988 में कर्नाटक की रामकृष्ण हेगड़े सरकार पर भी इसी प्रकार का आरोप लगा था और सरकार को जाना पड़ा. वहीं, साल 2010 में प्रकाश करात और बिहार सरकार में भी मामले आए तो वहीं साल 2019 में येदुरप्पा सरकार के दौरान भी ऐसे ही आरोप लगे और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई.

यह भी पढ़ेंः लोकसभा में भी गूंजा फोन टैपिंग का मुद्दा, चित्तौड़गढ़ सांसद बोले- CM गहलोत को दे देना चाहिए पद से इस्तीफा

सतीश पूनिया ने कहा कि अगर यह फोन टैपिंग हुई तो क्या एसीएस स्तर के अधिकारी की स्वीकृति से हुई या फिर किसी अन्य इशारे पर हुई और क्या यह टैप फैब्रिकेटेड है, उसकी जांच में क्या रहा, क्या यह निजता पर हमला नहीं है. सतीश पूनिया ने यह भी पूछा कि जो मामला जुलाई 2017 में अशोक नगर थाने में दर्ज कराया गया था, उस मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने खुद को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अपने संबोधन के दौरान सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी के साथ ही मुख्यमंत्री और ओएसडी को लेकर भी कई आरोप लगाए. साथ ही यह भी कहा कि सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा.

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