जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की डिनर डिप्लोमेसी कोई नई नहीं है. कांग्रेस जब सत्ता में नहीं थी, उस समय भी डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लेती रही है. अब प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव होने हैं. ऐसे में एक बार फिर अपने विधायकों को एकजुट रखने और निर्दलीय विधायकों का समर्थन और अपनी ताकत दिखाने के लिए कांग्रेस पार्टी फिर से डिनर डिप्लोमेसी का सहारा ले रही है.
इसके तहत बुधवार शाम 7 बजे कांग्रेस पार्टी के तमाम विधायक और समर्थित निर्दलीय विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया है. जानकारों की मानें तो भाजपा के राज्यसभा चुनाव को लेकर लगाए गए पर्यवेक्षकों और उनकी हुई बैठक का ही नतीजा है कि कांग्रेस पार्टी ने देर रात अचानक अपने सभी विधायकों और समर्थित विधायकों को शक्ति प्रदर्शन के लिए बुलाने का निर्णय लिया है.
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डिनर डिप्लोमेसी में कांग्रेस विधायकों और मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ ही निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है. बता दें कि 13 निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं. इस डिनर में वामदलों और भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों को भी बुलाया गया है, लेकिन उनके आने पर अभी सस्पेंस है. डिनर में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रदेश सह प्रभारी विवेक बंसल भी शामिल होंगे. साथ ही राज्यसभा के दूसरे प्रत्याशी नीरज डांगी भी इसमें शामिल होंगे.
दरअसल, इस डिनर पॉलिटिक्स के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों को एकजुटता का पाठ पढ़ाएंगे. हालांकि, जिस तरीके से बीते 2 दिन से राजस्थान में विधायकों के टूटने की चर्चा शुरू हुई है, उस पर राजस्थान की कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा है कि क्रॉस वोटिंग जैसी बातें महज अफवाह हैं.
मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी यह कह दिया है और मैं भी कह रहा हूं कि ऐसा कोई क्राइसिस राजस्थान में नहीं है. दोनों सीटें जीतने के लिए राजस्थान में पूरे नंबर कांग्रेस के पास है और दोनों सीटें कांग्रेस गारंटी से जीतेगी. उन्होंने कहा की अफवाहों और गलतफहमी का कोई इलाज नहीं है और यह अफवाह कौन फैला रहा है, इसका जवाब केवल ईश्वर के हाथ में है.