जयपुर. प्रदेश में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. इन आंकड़ों पर गहलोत सरकार गंभीर है. साथ ही बच्चों में डेंगू बुखार को लेकर बाल संरक्षण आयोग ने भी चिंता जताई है. बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र कर अस्पतालों में बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के निर्देश दिये हैं.
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि बच्चों को सही समय पर इलाज मिले, इसके लिए आयोग प्रतिबद्ध है. प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र लिखकर बच्चों के लिए अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिये हैं. सभी जिला कलेक्टर्स को भी पत्र लिख निर्देशित किया है कि वे अभियान चलाकर डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करें.
बेनीवाल ने कहा कि जरूरी है कि बच्चों को जागरुक किया जाए कि वे खुले पानी के आसपास नहीं खेलें. साथ ही परिवार को भी जागरूक करना है कि वे अपने घरों में पानी इकट्ठा न होने दें. कचरा या कबाड़ भी एकत्र न करें. मच्छरों को पनपने का अवसर न दें.
मैनुअल होगा बाल दिवस
संगीता बेनीवाल ने कहा कि पिछली बार कोरोना संक्रमण की वजह से बाल सप्ताह दिवस वर्चुअल आयोजित किया गया था. इस बार सप्ताह दिवस का आयोजन मैनुअल किया जाएगा. बैठक में 14 नवंबर बाल दिवस के उपलक्ष में मनाए जाने वाले बाल सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर सुझावों पर चर्चा की गई.
संगीता बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को बाल मित्र प्रदेश बनाने का सपना दिखाया है, जिसे ध्यान में रखते हुए बाल दिवस सप्ताह के कार्यक्रम आयोजित होंगे और बच्चों की इसमें अहम भूमिका रहेगी.