जयपुर. राजस्थान विधानसभा का सत्र 9 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. क्योंकि विधानसभा के छठे सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ था, ऐसे में अब यह छठा सत्र ही माना जाएगा. ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत उन 25 से ज्यादा विधायकों के सामने खड़ी हो चुकी है जो एक सत्र में एक विधायक द्वारा सर्वाधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या 100 का कोटा पूरा कर चुके हैं.
क्योंकि सवाल विपक्षी दल होने के चलते भाजपा के विधायकों की ओर से ही ज्यादा पूछे जाते हैं. ऐसे में सवालों का कोटा जिन विधायकों का पूरा हुआ है उनमें से ज्यादातर विधायक भाजपा के ही हैं. अब भाजपा इस पर सवाल खड़े करते हुए इसे विधायकों के अधिकारों का हनन बता रही है. वहीं, राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भाजपा के सत्र के दौरान सवाल नहीं पूछ सकने के आरोपों को खारिज कर दिया है.
जोशी ने कहा कि भाजपा के नेता या तो कानून की जानकारी नहीं रखते या फिर जानकारी होने के बावजूद भी अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हेंने कहा कि विधानसभा के प्रक्रिया संबंधी नियमों की कभी अवहेलना नहीं हुई है. भाजपा केवल नॉन इश्यू को इश्यू बनाने का प्रयास करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा यह बताए कि किस नियम की अवहेलना हुई है. किसी नियम की अवहेलना होती तो वह भाजपा के आरोप स्वीकार कर लेते, लेकिन विधानसभा संचालन का हर काम नियम-कायदों के हिसाब से हो रहा है तो फिर कानून के ऊपर कोई नहीं है.
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उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को विधानसभा सत्र चलाने में अध्यक्ष और सत्ता पक्ष का सहयोग करना चाहिए. भाजपा के नेता बाहर कुछ और बात करते हैं और अंदर कुछ और. सदन अच्छे तरीके से चले इसकी जिम्मेदारी केवल सत्ता पक्ष की ही नहीं, बल्कि विपक्ष की भी बराबर जिम्मेदारी होती है.