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सांप्रदायिक तनाव पर चीफ काजी का सुझाव, कहा- जिम्मेदारी हो तय, जुलूस निकालने वाले संगठन से भरवाया जाए बॉन्ड

राजस्थान के चीफ काजी खालिद उस्मानी (Rajasthan Chief Qazi Khalid Usmani) ने सांप्रदायिक तनाव को लेकर प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है. उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार से ठोस कानून लाने की बात की है. उन्होंने अपना पैगाम वीडियो संदेश के जरिए जारी किया है.

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Published : Apr 19, 2022, 7:18 AM IST

Updated : Apr 19, 2022, 7:23 AM IST

Rajasthan Chief Qazi Khalid Usmani Suggestion
सांप्रदायिक तनाव पर चीफ काजी का सुझाव

जयपुर. पिछले दिनों करौली में हुए दंगे के बाद राजस्थान के चीफ काजी खालिद उस्मानी (Rajasthan Chief Qazi Khalid Usmani) ने बड़ा बयान जारी किया है. प्रदेश में लगातार हो रहे दंगों को देखते हुए चीफ काजी ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से कानून लाने की मांग (Suggestion To Ashok Gehlot Government) की है. कानून के तहत जिस संगठन की ओर से रैली का आयोजन करने की अनुमति ली गई है, उसी संगठन की सारी जिम्मेदारी होनी चाहिए. नुकसान की भरपाई भी उसी संगठन से की जाए.उस्मानी ने कहा कि जो भी रैली निकाली जाए, यदि उसमें माहौल खराब हो जाए तो जिस संगठन ने रैली निकालने की अनुमति ली है उस संगठन से सारे नुकसान की भरपाई की जाए. यदि ऐसा किया जाएगा तो माहौल खराब नहीं होगा.

फसाद होंगे खत्म: काजी खालिद उस्मानी ने कहा कि ऐसा पैगाम देना चाहता हूं कि प्रदेश में होने वाले फसाद बिल्कुल खत्म हो जाएंगे. गहलोत सरकार से अपील करते हुए कहा कि ऐसा कानून लाया जाए जब भी कोई संगठन रैली या जुलूस निकाले तो उसकी पूरी जिम्मेदारी का बांड उसी संगठन से भरवाया जाए. पूरी जिम्मेदारी उसी संगठन की होगी, अगर रैली में कुछ हुआ तो उसका जवाबदार वही संगठन होगा. होने वाले नुकसान की भरपाई भी उसी संगठन की जिम्मेदारी हो.

सांप्रदायिक तनाव पर चीफ काजी का सुझाव

पढ़ें- करौली हिंसा मामला: जिस राजाराम की तलाश कर रही पुलिस, उससे कांग्रेस कमेटी के सदस्य रफीक खान ने की फोन पर बात

संगठनों को होगा जिम्मेदारी का एहसास: चीफ काजी के मुताबिक इस तरह के कानून से लोगों को जिम्मेदारी का एहसास होगा. इस कानून से संगठन के जिम्मेदार बड़ी फिक्र करेंगे. बड़ी जिम्मेदारी के साथ शांतिपूर्वक उस काम को करेंगे. अगर संगठनों को पाबंद कर दिया जाए कि अगर जिम्मेदारी का बांड भरते हैं तो हम आपको अनुमति देंगे. बिना जिम्मेदारी के अनुमति नहीं दी जाए.रैली और जुलूस में किसी की आत्मा को दुखाने वाले शब्दों का उपयोग नहीं किया जाए. इन तमाम बातों की पाबंदी भी लगाई जाए.

सरकार से अपील: उस्मानी ने गहलोत सरकार से कानून की मांग (Suggestion To Ashok Gehlot Government) रखते हुए अपनी बात को विराम दिया है. चीफ काजी खालिद उस्मानी ने उम्मीद की कि सरकार उनकी बातों पर गौर करेगी. उन्होंने कहा कि हम जो मांग कर रहे हैं राजस्थान की गहलोत सरकार उस तरफ तवज्जो देगी (Gehlot Government over communal tension) और हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि जल्द कानून भी बनाया जाएगा. करौली में हाल ही में नव संवत्सर पर निकले जुलूस में उपद्रव हुआ था. जिसके बाद पूरे शहर में करीब 15 दिनों तक कर्फ्यू लगा था. इस मुद्दे पर सियासत भी खूब हो रही है.

जयपुर. पिछले दिनों करौली में हुए दंगे के बाद राजस्थान के चीफ काजी खालिद उस्मानी (Rajasthan Chief Qazi Khalid Usmani) ने बड़ा बयान जारी किया है. प्रदेश में लगातार हो रहे दंगों को देखते हुए चीफ काजी ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से कानून लाने की मांग (Suggestion To Ashok Gehlot Government) की है. कानून के तहत जिस संगठन की ओर से रैली का आयोजन करने की अनुमति ली गई है, उसी संगठन की सारी जिम्मेदारी होनी चाहिए. नुकसान की भरपाई भी उसी संगठन से की जाए.उस्मानी ने कहा कि जो भी रैली निकाली जाए, यदि उसमें माहौल खराब हो जाए तो जिस संगठन ने रैली निकालने की अनुमति ली है उस संगठन से सारे नुकसान की भरपाई की जाए. यदि ऐसा किया जाएगा तो माहौल खराब नहीं होगा.

फसाद होंगे खत्म: काजी खालिद उस्मानी ने कहा कि ऐसा पैगाम देना चाहता हूं कि प्रदेश में होने वाले फसाद बिल्कुल खत्म हो जाएंगे. गहलोत सरकार से अपील करते हुए कहा कि ऐसा कानून लाया जाए जब भी कोई संगठन रैली या जुलूस निकाले तो उसकी पूरी जिम्मेदारी का बांड उसी संगठन से भरवाया जाए. पूरी जिम्मेदारी उसी संगठन की होगी, अगर रैली में कुछ हुआ तो उसका जवाबदार वही संगठन होगा. होने वाले नुकसान की भरपाई भी उसी संगठन की जिम्मेदारी हो.

सांप्रदायिक तनाव पर चीफ काजी का सुझाव

पढ़ें- करौली हिंसा मामला: जिस राजाराम की तलाश कर रही पुलिस, उससे कांग्रेस कमेटी के सदस्य रफीक खान ने की फोन पर बात

संगठनों को होगा जिम्मेदारी का एहसास: चीफ काजी के मुताबिक इस तरह के कानून से लोगों को जिम्मेदारी का एहसास होगा. इस कानून से संगठन के जिम्मेदार बड़ी फिक्र करेंगे. बड़ी जिम्मेदारी के साथ शांतिपूर्वक उस काम को करेंगे. अगर संगठनों को पाबंद कर दिया जाए कि अगर जिम्मेदारी का बांड भरते हैं तो हम आपको अनुमति देंगे. बिना जिम्मेदारी के अनुमति नहीं दी जाए.रैली और जुलूस में किसी की आत्मा को दुखाने वाले शब्दों का उपयोग नहीं किया जाए. इन तमाम बातों की पाबंदी भी लगाई जाए.

सरकार से अपील: उस्मानी ने गहलोत सरकार से कानून की मांग (Suggestion To Ashok Gehlot Government) रखते हुए अपनी बात को विराम दिया है. चीफ काजी खालिद उस्मानी ने उम्मीद की कि सरकार उनकी बातों पर गौर करेगी. उन्होंने कहा कि हम जो मांग कर रहे हैं राजस्थान की गहलोत सरकार उस तरफ तवज्जो देगी (Gehlot Government over communal tension) और हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि जल्द कानून भी बनाया जाएगा. करौली में हाल ही में नव संवत्सर पर निकले जुलूस में उपद्रव हुआ था. जिसके बाद पूरे शहर में करीब 15 दिनों तक कर्फ्यू लगा था. इस मुद्दे पर सियासत भी खूब हो रही है.

Last Updated : Apr 19, 2022, 7:23 AM IST
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