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रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल! 'रिव्यू जारी...इसके परिणाम निर्भर करेंगे की रखना है या वापस करना है' - Jaipur News

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा प्रदेश के हॉटस्पॉट रामगंज को लेकर अपने अनुभव शेयर किए. साथ ही उन्होंने रैपिड टेस्ट के जरिए कोरोना जांच के सवाल पर कहा कि सरकार इस किट की रिपोर्ट को फाइनल नहीं मानती है. सरकार रैपिड किट से जांच के फैसले का रिव्यू कर रही है.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, कोरोना वायरस न्यूज, Rapid kit,  covid 19
डॉ. रघु शर्मा की ईटीवी भारत से खास बातचीत
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Published : Apr 20, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 11:05 AM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना संकट के बीच हालात को लेकर ईटीवी भारत ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से खास बातचीत की. इस दौरान रघु शर्मा ने रामगंज, मॉडिफाइड लॉकडाउन और कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के मसले पर विस्तार से जानकारी दी. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार राजस्थान में रैपिड किट के जरिए हो रही जांच की विश्वसनीयता पर जांच कर रही है. उन्होंने महामारी के इस संक्रमण के जांच की नई व्यवस्था को बदले जाने के संकेत भी दिए हैं.

डॉ. रघु शर्मा की ईटीवी भारत से खास बातचीत-1

रैपिड टेस्ट हो सकता है वापस

2 दिन पहले राजस्थान में लागू रैपिड टेस्ट के जरिए कोरोना जांच के सवाल पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि सरकार इस किट की रिपोर्ट को फाइनल नहीं मानती है. यह सिर्फ गंभीर मरीजों की पहचान का एक जरिया भर है. ऐसे में RT-PCR प्रणाली के जरिए होने वाली जांचों को ही सरकार प्रमाणिक मानती है.

डॉ. रघु शर्मा की ईटीवी भारत से खास बातचीत-2

इस दौरान उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि सरकार रैपिड किट से जांच के फैसले का रिव्यू कर रही है. अगर नतीजे प्रभावी नहीं होते हैं तो जानकारों की सलाह पर सरकार जल्द इन किट्स को लौटा देगी. गौरतलब है कि राजस्थान को केंद्र सरकार से 50 हजार रैपिड किट मिले हैं. वहीं प्रदेश सरकार ने भी करीब 8 लाख किट्स का निर्यात करने का आदेश दिया है.

रामगंज की तस्वीर अभी साफ नहीं

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में रामगंज को लेकर अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल के आधार पर रामगंज का आकलन नहीं किया जा सकता है. यहां एक हवेली में 5-6 परिवार के बीच बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला यहां कामयाब नहीं हो सकता है.

पढ़ें- संकट में किसान: बाजार और खरीददार के अभाव में सड़ रहे पपीते

रघु शर्मा ने बताया कि ऐसे हालात में रामगंज की मैपिंग के बाद सरकार ने जनसंख्या को आधार मानते हुए रैंडम आधार पर सैंपल लिए हैं. अब इन 630 सैंपल में से जो नतीजे आएंगे उसके आधार पर रामगंज को लेकर अगली रणनीति बनाई जाएगी.

सैंपल के नतीजों का इंतजार

ईटीवी भारत के सवाल कि अभी बड़े पैमाने पर जांच के लिए सैंपल भेजे गए हैं और उनके नतीजों का इंतजार है, तो रघु शर्मा ने कहा कि इन सब नमूनों के जल्द रिपोर्ट आने के लिए दिल्ली की लैब में भेजा गया है. जहां से उन्हें जल्द परिणाम मिलने वाले हैं. रघु शर्मा ने यह भी बताया कि रामगंज की स्थिति इन सैंपल्स की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगी क्योंकि पॉजिटिव केस के जरिए ही सही फीडबैक मिलता है.

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सरकार की योजना है कि आने वाले दिनों में रामगंज क्षेत्र के संदिग्ध 15 हजार मरीजों को क्वॉरेंटाइन किया जाए ताकि इलाके पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके. हालांकि, यह करना चुनौतीपूर्ण होगा.

पढ़ें- कोरोना से लड़ेगी जोधपुर IIT की ये डिवाइस...पढ़े पूरी खबर

कोरोना वॉरियर्स की सेहत पर गंभीर सरकार

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने जयपुर में कोरोना वायरस के शिकार हो रहे फील्ड स्टाफ यानी पुलिसकर्मी और चिकित्सा कर्मियों के मामले पर भी खुद की चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इन लड़ाकों के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. सैनिटाइजर और ग्लब्स के अलावा इन्हें पीपीपी किट, N-95 मास्क के साथ-साथ इनकी नियमित जांच भी सरकार करवा रही है.

चिकित्सा मंत्री का दावा- हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई का पर्याप्त स्टॉक

रघु शर्मा ने SMS अस्पताल की तरफ से कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज को राजस्थान की सबसे बड़ी कामयाबी बताया और कहा कि अमेरिका जैसे देशों ने भी सवाई मानसिंह अस्पताल की डॉक्टर से बात करके इस तकनीक से कोरोना के इलाज को सही माना है. उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में कोरोना के इलाज के लिए जरूरी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई का पर्याप्त स्टॉक है.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना संकट के बीच हालात को लेकर ईटीवी भारत ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से खास बातचीत की. इस दौरान रघु शर्मा ने रामगंज, मॉडिफाइड लॉकडाउन और कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के मसले पर विस्तार से जानकारी दी. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार राजस्थान में रैपिड किट के जरिए हो रही जांच की विश्वसनीयता पर जांच कर रही है. उन्होंने महामारी के इस संक्रमण के जांच की नई व्यवस्था को बदले जाने के संकेत भी दिए हैं.

डॉ. रघु शर्मा की ईटीवी भारत से खास बातचीत-1

रैपिड टेस्ट हो सकता है वापस

2 दिन पहले राजस्थान में लागू रैपिड टेस्ट के जरिए कोरोना जांच के सवाल पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि सरकार इस किट की रिपोर्ट को फाइनल नहीं मानती है. यह सिर्फ गंभीर मरीजों की पहचान का एक जरिया भर है. ऐसे में RT-PCR प्रणाली के जरिए होने वाली जांचों को ही सरकार प्रमाणिक मानती है.

डॉ. रघु शर्मा की ईटीवी भारत से खास बातचीत-2

इस दौरान उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि सरकार रैपिड किट से जांच के फैसले का रिव्यू कर रही है. अगर नतीजे प्रभावी नहीं होते हैं तो जानकारों की सलाह पर सरकार जल्द इन किट्स को लौटा देगी. गौरतलब है कि राजस्थान को केंद्र सरकार से 50 हजार रैपिड किट मिले हैं. वहीं प्रदेश सरकार ने भी करीब 8 लाख किट्स का निर्यात करने का आदेश दिया है.

रामगंज की तस्वीर अभी साफ नहीं

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में रामगंज को लेकर अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल के आधार पर रामगंज का आकलन नहीं किया जा सकता है. यहां एक हवेली में 5-6 परिवार के बीच बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला यहां कामयाब नहीं हो सकता है.

पढ़ें- संकट में किसान: बाजार और खरीददार के अभाव में सड़ रहे पपीते

रघु शर्मा ने बताया कि ऐसे हालात में रामगंज की मैपिंग के बाद सरकार ने जनसंख्या को आधार मानते हुए रैंडम आधार पर सैंपल लिए हैं. अब इन 630 सैंपल में से जो नतीजे आएंगे उसके आधार पर रामगंज को लेकर अगली रणनीति बनाई जाएगी.

सैंपल के नतीजों का इंतजार

ईटीवी भारत के सवाल कि अभी बड़े पैमाने पर जांच के लिए सैंपल भेजे गए हैं और उनके नतीजों का इंतजार है, तो रघु शर्मा ने कहा कि इन सब नमूनों के जल्द रिपोर्ट आने के लिए दिल्ली की लैब में भेजा गया है. जहां से उन्हें जल्द परिणाम मिलने वाले हैं. रघु शर्मा ने यह भी बताया कि रामगंज की स्थिति इन सैंपल्स की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगी क्योंकि पॉजिटिव केस के जरिए ही सही फीडबैक मिलता है.

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सरकार की योजना है कि आने वाले दिनों में रामगंज क्षेत्र के संदिग्ध 15 हजार मरीजों को क्वॉरेंटाइन किया जाए ताकि इलाके पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके. हालांकि, यह करना चुनौतीपूर्ण होगा.

पढ़ें- कोरोना से लड़ेगी जोधपुर IIT की ये डिवाइस...पढ़े पूरी खबर

कोरोना वॉरियर्स की सेहत पर गंभीर सरकार

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने जयपुर में कोरोना वायरस के शिकार हो रहे फील्ड स्टाफ यानी पुलिसकर्मी और चिकित्सा कर्मियों के मामले पर भी खुद की चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इन लड़ाकों के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. सैनिटाइजर और ग्लब्स के अलावा इन्हें पीपीपी किट, N-95 मास्क के साथ-साथ इनकी नियमित जांच भी सरकार करवा रही है.

चिकित्सा मंत्री का दावा- हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई का पर्याप्त स्टॉक

रघु शर्मा ने SMS अस्पताल की तरफ से कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज को राजस्थान की सबसे बड़ी कामयाबी बताया और कहा कि अमेरिका जैसे देशों ने भी सवाई मानसिंह अस्पताल की डॉक्टर से बात करके इस तकनीक से कोरोना के इलाज को सही माना है. उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में कोरोना के इलाज के लिए जरूरी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई का पर्याप्त स्टॉक है.

Last Updated : Apr 21, 2020, 11:05 AM IST
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