जयपुर. चुनाव आयोग ने आज राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. 17 अप्रैल को सहाड़ा, सुजानगढ़ और राजसमंद सीट पर मतदान होगा. लेकिन चौथी सीट वल्लभनगर को लेकर चुनाव आयोग ने कोई जानकारी नहीं दी. अमूमन किसी भी राज्य की सभी सीटों पर उपचुनाव एक साथ ही हो जाते हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. जो सियासी हलकों के साथ ही आमजन में भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
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वल्लभनगर में उपचुनाव की तारीखों का एलान नहीं होने की वजह से अटकलों और कयासों का दौर जारी है. 20 जनवरी को वल्लभनगर से कांग्रेसी विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया था. ऐसे में राजस्थान की 4 विधानसभा सीटें खाली थी. उपचुनाव की तारीखों के एलान का इंतजार प्रमुख राजनीतिक दल कर रहे थे. प्रमुख पार्टियों ने चारों सीटों पर प्रचार अभियान भी अनौपचारिक रूप से तेज कर दिया था.
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वहीं वल्लभनगर पर संभावित प्रत्याशियों को लेकर वंशवाद के लिहाज से सियासी पंडितों ने नाम तय कर लिए थे. लेकिन तारीखों के एलान में वल्लभनगर का जिक्र नहीं होने से सभी हैरान रह गए. गौरतलब है कि किसी भी विधानसभा सीट के रिक्त होने की स्थिति में 6 महीने के भीतर उस सीट के लिए उपचुनाव करवाना जरूरी है. अभी चुनाव आयोग की तरफ से इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है कि क्या वजह रही कि वल्लभनगर में उपचुनाव बाकि सीटों के साथ नहीं करवाए गए.