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Rajasthan Budget 2022 : बजट रिप्लाई में टूटी संविदा कर्मियों की आस, सद्बुद्धि यज्ञ के साथ शुरू की भूख हड़ताल

नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे संविदा कर्मियों की रही सही आस सीएम अशोक गहलोत के बजट रिप्लाइ में टूट गई. संविदाकर्मियों का जिक्र नहीं होने पर अब कर्मचारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

संविदा कर्मियों की भूख हड़ताल
संविदा कर्मियों की भूख हड़ताल
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Published : Mar 4, 2022, 4:11 PM IST

जयपुर. गहलोत सरकार के आम बजट (Rajasthan Budget 2022) से निराश संविदा कर्मियों की रही सही आस बजट रिप्लाई में भी टूट गई है. सरकार ने संविदा कर्मचारियों को लेकर बजट रिप्लाई में भी कोई घोषणा नहीं की. ऐसे में अब संविदा कर्मचारियों ने अनशन शुरू कर दिया है. शहीद स्मारक पर 10 महिला सहित 20 संविदा संविदाकर्मियों ने सद्बुद्धि यज्ञ किया. इसके साथ ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश कर दिया. लेकिन इस बजट से प्रदेश के 80 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग पर कोई घोषणा नही हुई. इसके बाद से बड़ी संख्या में संविदा कर्मियों ने शहीद स्मारक पर धरना शुरू कर दिया. संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब 3 मार्च को बजट रिप्लाई देंगे. उसमे संविदा कर्मियों को नियमितीकरण की घोषणा तो नहीं, लेकिन बोनस अंक की घोषणा जरूर करेंगे.

संविदा कर्मियों की भूख हड़ताल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नर्सेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश चावड़ा ने बताया कि बजट रिप्लाई में रही सही आस टूट गई. बजट रिप्लाई में संविदा कर्मियों का जिक्र तक नही किया . ऐसे में अब मजबूरन संविदा कर्मचारियों को अनशन करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में 10 महिला सहित 20 संविदाकर्मियों ने सद्बुद्धि यज्ञ के साथ भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि अब भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है.

PPE किट पहन दिया संदेश : संविदा कर्मचारियों ने पीपीई किट पहन भूख हड़ताल शरू किया. साथ ही सदबुद्धि यज्ञ भी किया. संविदाकर्मियों ने सरकार को सद्बुद्धि आए इसके लिए यज्ञ में आहूति दी. संविदा कर्मचारी ने कहा कि पीपीई पहनने के पीछे यह संदेश देना है कि यह वही संविदा कर्मचारी हैं. जिन्होंने कोरोना संक्रमण के वक्त महामारी में लोगों की सेवा इसी पीपीई किट को पहन कर की थी.

यह भी पढ़ें- सीएम गहलोत का उपहार: सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर की घोषणाएं...नए जिले बनाने को लेकर कमेटी 6 माह में देगी रिपोर्ट

इससे पहले लिखा था खून से पत्र : दरअसल प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में की थी. तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने इन्हें नियमित नही किया. ऐसे में सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए संविदा कर्मियों ने खून से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर बोनस अंक देने की मांग की थी.

प्रोत्साहन की जगह किया नजर अंदाज : संविदा नर्सिंग कर्मचारियों की नाराजगी इसलिए भी ज्यादा है कि कोरोना जैसी महामारी में कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आम जनता की सेवा में कोई कमी नही छोड़ी. एक नर्सिंग कर्मचारी की ड्यूटी थी वो ही ड्यूटी संविदा पर लगे नर्सिंग कर्मी ने की है. इसके बावजूद सरकार प्रोत्साहित करने की जगह नजरअंदाज कर रही है.

यह भी पढ़ें- बजट की हर घोषणा जरूर पूरी होगी, मैं राजस्थान की इकोनॉमी 15 लाख करोड़ तक ले जाऊंगा: अशोक गहलोत

10 से 30 प्रतिशत बोनस अंक का लाभ देने की मांग : संविदा कर्मी 16 हजार जीएनएम और 8 हजार एएनएम की भर्ती निकालने और संविदा कर्मियों को 10 से 30 प्रतिशत बोनस अंक देने की मांग को लेकर पहले नेहरू उद्यान मार्ग पर धरना दिया. इस दौरान कुछ नर्सेज बीमार हो गईं. मांग नही मानी तो पिछले एक सप्ताह से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं.

जयपुर. गहलोत सरकार के आम बजट (Rajasthan Budget 2022) से निराश संविदा कर्मियों की रही सही आस बजट रिप्लाई में भी टूट गई है. सरकार ने संविदा कर्मचारियों को लेकर बजट रिप्लाई में भी कोई घोषणा नहीं की. ऐसे में अब संविदा कर्मचारियों ने अनशन शुरू कर दिया है. शहीद स्मारक पर 10 महिला सहित 20 संविदा संविदाकर्मियों ने सद्बुद्धि यज्ञ किया. इसके साथ ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश कर दिया. लेकिन इस बजट से प्रदेश के 80 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग पर कोई घोषणा नही हुई. इसके बाद से बड़ी संख्या में संविदा कर्मियों ने शहीद स्मारक पर धरना शुरू कर दिया. संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब 3 मार्च को बजट रिप्लाई देंगे. उसमे संविदा कर्मियों को नियमितीकरण की घोषणा तो नहीं, लेकिन बोनस अंक की घोषणा जरूर करेंगे.

संविदा कर्मियों की भूख हड़ताल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नर्सेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश चावड़ा ने बताया कि बजट रिप्लाई में रही सही आस टूट गई. बजट रिप्लाई में संविदा कर्मियों का जिक्र तक नही किया . ऐसे में अब मजबूरन संविदा कर्मचारियों को अनशन करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में 10 महिला सहित 20 संविदाकर्मियों ने सद्बुद्धि यज्ञ के साथ भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि अब भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है.

PPE किट पहन दिया संदेश : संविदा कर्मचारियों ने पीपीई किट पहन भूख हड़ताल शरू किया. साथ ही सदबुद्धि यज्ञ भी किया. संविदाकर्मियों ने सरकार को सद्बुद्धि आए इसके लिए यज्ञ में आहूति दी. संविदा कर्मचारी ने कहा कि पीपीई पहनने के पीछे यह संदेश देना है कि यह वही संविदा कर्मचारी हैं. जिन्होंने कोरोना संक्रमण के वक्त महामारी में लोगों की सेवा इसी पीपीई किट को पहन कर की थी.

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इससे पहले लिखा था खून से पत्र : दरअसल प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में की थी. तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने इन्हें नियमित नही किया. ऐसे में सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए संविदा कर्मियों ने खून से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर बोनस अंक देने की मांग की थी.

प्रोत्साहन की जगह किया नजर अंदाज : संविदा नर्सिंग कर्मचारियों की नाराजगी इसलिए भी ज्यादा है कि कोरोना जैसी महामारी में कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आम जनता की सेवा में कोई कमी नही छोड़ी. एक नर्सिंग कर्मचारी की ड्यूटी थी वो ही ड्यूटी संविदा पर लगे नर्सिंग कर्मी ने की है. इसके बावजूद सरकार प्रोत्साहित करने की जगह नजरअंदाज कर रही है.

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10 से 30 प्रतिशत बोनस अंक का लाभ देने की मांग : संविदा कर्मी 16 हजार जीएनएम और 8 हजार एएनएम की भर्ती निकालने और संविदा कर्मियों को 10 से 30 प्रतिशत बोनस अंक देने की मांग को लेकर पहले नेहरू उद्यान मार्ग पर धरना दिया. इस दौरान कुछ नर्सेज बीमार हो गईं. मांग नही मानी तो पिछले एक सप्ताह से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं.

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