जयपुर. प्रदेश में बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच शुक्रवार से शुरू हो रहे राजस्थान विधानसभा के सत्र में भाजपा प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान सदन में रखने के लिए अविश्वास प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया और उस पर विधायकों के साइन भी ले लिए गए. यह जानकारी ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने दी.
कटारिया ने कहा कि जिस तरह प्रदेश कांग्रेस सरकार दो घरों में बैठी नजर आ रही है, उससे प्रदेश की जनता के विकास कार्य अटक गए हैं और जनता भी व्यस्त है. ऐसी स्थिति में बीजेपी सशक्त विपक्ष के नाते सत्र के पहले दिन सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति है उसके खुलासे से कटारिया बचते रहे.
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लेकिन भाजपा विधायकों की मौजूदा संख्या 72 है और आरएलपी के 3 विधायकों को मिलाकर यह संख्या सदन में 75 होती है. ऐसे में यदि भाजपा अविश्वास प्रस्ताव ला रही है तो उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए अन्य निर्दलीय या बागी कांग्रेसी विधायकों की भी मदद लेनी होगी.
इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कहते हैं कि अभी हमारे पास केवल हमारे ही विधायक है और सदन में जब हम प्रस्ताव लेकर आएंगे तो जो भी सरकार के खिलाफ होगा वह हमारे साथ जुड़ जाएगा. सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मिनिमम 40 विधायकों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है. लेकिन बीजेपी जो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही है उसमें अपने और सहयोगी विधायकों के सभी के साइन करवाए है.